देहरादून: पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के युवाओं में कला की कोई कमी नहीं है. आज हर क्षेत्र में प्रदेश का युवा अपना नाम रोशन कर रहा है. इसी तर्ज पर देहरादून के रहने वाले दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र अनुराग रमोला ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर देश भर में प्रदेश का नाम रोशन किया है.
लॉकडाउन में जीते 200 से ज्यादा अवॉर्ड. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अनुराग रमोला ने बताया कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में लॉकडाउन के दौरान 200 से ज्यादा अवॉर्ड हासिल करने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है. ऐसे में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने ही उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ दून के छात्र अनुराग रमोला का नाम. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने को लेकर अनुराग ने बताया की ये मिनिचर पेंटिंग से जुड़ा रिकॉर्ड है, जिसे एक रुपए के सिक्के में तैयार करना था. अब तक जिस व्यक्ति के नाम यह रिकॉर्ड था, उसके द्वारा 24 घंटे में 100 सिक्कों पर मिनिएचर पेंटिंग बनाई गई थी, लेकिन उन्होंने अब इस पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए महज 10 घंटे 25 मिनट में 145 सिक्कों पर पेंटिंग बनाकर नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है.
लॉकडाउन में जीते 200 से ज्यादा अवॉर्ड
अनुराग बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही पेंटिंग का शौक रहा है. अबतक वो अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर आयोजित होने वाली विभिन्न पेंटिंग प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन चुके हैं. वहीं लॉकडाउन में भी उन्होंने 200 से अधिक पुरस्कार प्राप्त कर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है.
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पीएम मोदी से मुलाकात सबसे बड़ी उपलब्धि- अनुराग
अनुराग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में हुई मुलाकात को अपनी अबतक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं. अनुराग ने बताया कि दिल्ली में परीक्षा पर चर्चा के विषय में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था, जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार की गई 5 पेंटिंग्स को चुना गया था. इसमें उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग भी शामिल थी. ऐसे में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में उन्होंने पहली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे, जो उनकी जिंदगी का एक यादगार पल है.
पीएम मोदी से मुलाकात सबसे बड़ी उपलब्धि. ईटीवी भारत के माध्यम से देश के युवा कलाकारों के लिए संदेश देते हुए अनुराग ने कहा कि कक्षा 10वीं में होने की वजह से उनके ऊपर बोर्ड परीक्षा की भी तैयारी का प्रेशर भी है, लेकिन साथ में उन्होंने अपने पेंटिंग के शौक को भी जीवित रखा हुआ है. जिसमें उनका परिवार भी उन्हें पूरा सहयोग करता है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति उनकी तरह पढ़ाई के साथ ही अपने शौक को भी जीवित रखना चाहता है, तो उसके लिए टाइम मैनेजमेंट से बेहतर और कोई दूसरा विकल्प नहीं है.