देहरादून:राजधानी में जब से ई रिक्शा का संचालन शुरू हुआ है, तब से ई-रिक्शा यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के लिए सिर दर्द बना हुआ है. यातायात पुलिस द्वारा इन ई-रिक्शा के लिए मुख्य मार्गों को छोड़कर निर्धारित सड़कें तय की गई है, लेकिन ई-रिक्शा संचालक अपनी मनमानी करते हुए मुख्य सड़कों पर सवारियों को ले जाने का काम करते हैं. परिवहन विभाग समय समय पर इस मामले में कार्रवाई करता है, लेकिन इस बार आरटीओ प्रवर्तन ने इंफोर्समेंट टीम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे क्षेत्र जहा पुलिस ने ई-रिक्शा को चलने के वर्जित किया हुआ है, वहां हर दिन चक्कर लगाया जाए. साथ ही अगर कोई ई-रिक्शा उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार की योजना के तहत शहर में ई-रिक्शा का पंजीकरण करना शुरू हुआ था. देखते ही देखते यह आंकड़ा हजारों में पहुंच गया. इन पर नियंत्रण न होने व झुंड के रूप में इनका संचालन शहर की मुख्य सड़कों पर होने से शहर जाम की भेंट चढ़ता चला गया. कड़ी मशक्कत व दो साल की कसरत के बाद सरकार ने अगस्त 2019 में ई-रिक्शा का संचालन मुख्य मार्गों पर प्रतिबंधित कर दिया. तब आदेश दिए थे कि यह सिर्फ गली-संपर्क मार्गों पर ही चल सकेंगे. प्रतिबंधित मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के बोर्ड लगाने एवं नो-एंट्री का समय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे का तय करने को कहा गया, लेकिन ई-रिक्शा संचालक अपनी मनमानी करते हुए वर्जित सड़कों पर सवारी लेने का काम करते हैं. जिससे जाम की स्थिति बनती है.
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