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स्ट्रीट फूड वेंडरों पर पड़ी कोरोना की मार, घर चलाना भी हो रहा मुश्किल

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Published : Apr 23, 2021, 5:26 PM IST

देहरादून में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानों को दोपहर 2 बजे तक बंद करने का आदेश जारी हुआ है. लेकिन इस आदेश के कारण सबसे ज्यादा उन छोटे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है जो शाम के वक्त इवनिंग स्नैक्स बेचने का काम करते थे.

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देहरादून:कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार की ओर से शहरी क्षेत्रों में दोपहर 2 बजे से आवश्यक दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों को बंद करने का फरमान जारी किया गया है. लेकिन सरकार के इस फरमान का सीधा असर उन छोटे व्यापारियों पर पड़ रहा है, जो इवनिंग स्नैक्स जैसे चाट पकौड़ी या फिर फास्ट फूड इत्यादि बेचने का काम करते हैं.

सरकार के फरमान से इवनिंग स्नैक्स व्यापारी परेशान

इवनिंग स्नैक्स व्यापारी परेशान

सरकार के इस नए आदेश को लेकर ईटीवी भारत ने शहर के कुछ ऐसे ही छोटे इवनिंग स्नैक्स बेचने वाले व्यापारियों से बात की. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार के हर फैसले का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार दुकानों को दोपहर 2 बजे से बंद करने के बजाय शाम 5 बजे बंद करने की अनुमति दे. जिससे उनका व्यापार भी चल सके.

पिछले 11 सालों से चाट की ठेली लगाने वाले अजीत मिश्रा बताते हैं कि दोपहर 2 बजे से बाजार बंद करने के सरकार के आदेश के चलते उनका कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ चुका है. दिनभर में 100 रुपए भी नहीं कमा पा रहे हैं. ऐसे में परिवार का पालन-पोषण करना उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया है.

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ऐसे ही एक और स्थानीय व्यापारी बबलू बताते हैं कि समोसा-पकौड़ी जैसी चीजों को लोग या तो दोपहर के समय खाना पसंद करते हैं या फिर शाम के बाद. लेकिन अब सरकारी आदेश के चलते उन्हें अपनी समोसा-पकौड़ी की ठेली को 2 बजे ही बंद करना पड़ता है.

दून पुलिस फूड होम डिलीवरी में बन रही अड़ंगा

शहर के कैफे संचालकों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. नेहरू कॉलोनी में इवनिंग स्नैक्स कैफे चलाने वाले अरविंद पुंडीर बताते हैं कि दोपहर 2 बजे से दुकानों को बंद करने आदेश है, हालांकि सरकार ने होम डिलीवरी की इजाजत देर शाम तक दे रखी है. उसके बावजूद भी पुलिस होम डिलीवरी की इजाजत नहीं देती है. जिसकी वजह से उनके व्यापार में 60 से 70 फीसदी तक का असर पड़ा है.

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