देहरादूनःसमाज अब पुरानी सोच को छोड़कर महिलाओं को साथ लेकर चलने लगा है. महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वो हर काम कर रही हैं. जिसको लेकर हमारे समाज में यह चर्चा आम थी कि ये काम महिलाओं के लिए नहीं बना है. आज पूरे देश ने महिला दिवस बड़े ही धूम-धाम से मनाया. ऐसे में हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने कोरोना काल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने काम से ना केवल स्वास्थ्य महकमे में एक अलग पहचान बनाई. बल्कि खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी वह ठीक होकर अपने कार्य के प्रति एक सजग होकर काम पर डटी रहीं. ये बात अलग है कि इस दौरान वह अपने बच्चे और परिवार को समय नहीं दे पाईं. लेकिन उन्हें इस बात का इसलिए भी मलाल नहीं है. क्योंकि जिस वक्त समाज को उनकी जरूरत थी, वह मैदान में उतरकर एक योद्धा की तरह इस कोरोना महामारी से लड़ रही थीं.
कोरोना काल में हर एक स्वास्थ्यकर्मी ने शानदार काम किया है. प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री डॉक्टर, नर्स और तमाम स्वास्थ्य विभाग से जुड़े स्टाफ की तारीफ कर रहे हैं. स्वास्थ्य महकमे से ही जुड़ी ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती भी इस संकट काल में परिवार को समय ना देकर अपनी ड्यूटी पर हर समय दिन-रात खड़ी रहीं. अनिता भारती के कार्यशैली का इसी से पता चलता है कि पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा फील्ड में रहकर उन्होंने मेडिकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की. दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की और जहां पर अव्यवस्थाएं फैली हुई थी उनको सही करके यह संदेश देने का भी काम किया कि महिलाएं भी अपने कड़े रवैये से बहुत कुछ सजा और सवार सकती हैं.
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