देहरादून:साइबर फ्राड के मामलों को रोकने की दिशा में अब उत्तराखंड STF ने नया कदम उठाया है. STF ने गृह मंत्रालय (MHA) और भारतीय दूरसंचार प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) को पत्र लिखकर मोबाइल पर बल्क मैसेज (bulk Message) भेजने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है. STF ने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि Bulk Message भेजने वालों की पहचान करना बेहद आवश्यक हो गया है.
उत्तराखंड एसटीएफ ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) से बल्क मैसेज वालों पर आवश्यक कार्रवाई व सत्यापन की मांग की है, ताकि मोबाइल पर भेजे जाने वाले मैसेज के लिंक से होने वाली साइबर धोखाधड़ी से जनता को बचाया जा सके. दरअसल, देशभर में अलग-अलग विषयों पर मोबाइल यूजर के पास लिंक वाले मैसेज आ रहे हैं. उसमें क्लिक करने के बाद बड़ी तादाद में साइबर धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं.
SMS भेजकर फ्रॉड करने वालों पर कसेगा शिकंजा. उत्तराखंड साइबर पुलिस के मुताबिक साल 2020 में जहां 1,350 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हुए तो वहीं, इस साल 1 जनवरी से 31 जुलाई तक मात्र 7 माह में 1,400 से अधिक केस सामने आ चुके हैं. इनमें अधिकांश साइबर धोखाधड़ी के मामले मोबाइल मैसेज में लिंक क्लिक करने और अश्लील वीडियो की आड़ में साइबर अपराधी लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं.
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पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनंद भरणे के मुताबिक ट्राई की सुविधा के अनुसार जिस तरह से मोबाइल यूजर्स को बल्क मैसेज भेजने का कार्य चल रहा है, उसका गलत फायदा उठाकर साइबर धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है. इस पर रोक लगाने के लिए एसटीएफ ने गृह मंत्रालय और ट्राई को पत्र लिखा है, जिससे मैसेज भेजने वाले व्यक्ति की पहचान, उसका एड्रेस, उसकी SIM आइडेंटिटी सहित प्रमाणिकता जैसी बातों की जांच और सत्यापन करने की आवश्यकता साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए बेहद जरूरी हो गई है.