देहरादून: विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड में तैयारियां जोरों पर हैं. राजनीतिक दलों की तैयारियों और जनता के मूड को जानने के लिए ईटीवी भारत लगातार जनता के बीच पहुंच रहा है. जिसमें हम बीते सालों में हुये काम, विधायक के रिपोर्ट कार्ड के साथ ही आने वाले चुनावों को लेकर जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे हैं. ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम विधानसभा'WAR' के तीसरे एपिसोड में हम देहरादून की सबसे पॉश राजपुर विधानसभा सीट पहुंचे. यहां क्या कुछ निकलकर सामने आया, चलिये आपको बताते हैं...
उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों में से 23वें नंबर की विधानसभा सीट देहरादून जिले की राजपुर रोड विधानसभा सीट है. इस विधानसभा सीट पर इस वक्त बीजेपी के खजान दास विधायक हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में खजान दास ने इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता राजकुमार को हराया था. जीत का अंतर काफी कम था लेकिन कहा गया कि मोदी लहर में भाजपा के सभी नेताओं की नैया पार लगी. खजान दास को भी उन्हीं में से एक माना गया. खजान दास ने पहली दफा इस सीट पर हाथ आजमाया था. यहां उन्होंने कांग्रेस के मजबूत दावेदार राजकुमार को हराया. अब एक बार फिर से सियासी जंग के लिए मैदान सज चुका है. राजनीतिक मंच लग चुके हैं. एक बार फिर से सियासी धुरंधर अपना भाग्य आजमाने के लिए मैदान में आने के लिए तैयार हैं.
सबसे पॉश है राजपुर विधानसभा सीट:तकरीबन 1,35,000 मतदाता वाली राजपुर रोड विधानसभा सीट के अंतर्गत उत्तराखंड के वो सभी ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण क्षेत्र आते हैं जो कि न केवल इस विधानसभा सीट को बल्कि पूरे राज्य के विकास को लेकर प्रदर्शित करते हैं. राजपुर रोड विधानसभा सीट के अंतर्गत देहरादून की राजपुर रोड, घंटाघर, रेसकोर्स, चुक्खु मोहल्ला, डालनवाला, हिंदू स्कूल, सहित देहरादून शहर के सेंटर एरियाज इसमें आते हैं. जिसके कारण इस विधानसभा सीट को सबसे पॉश विधानसभा सीट कहा जाता है.
इस विधानसभा सीट की प्रगति पर पूरे प्रदेश की प्रवृत्ति निर्भर करती है. यही वजह है कि इस विधानसभा सीट का विधायक रहने वाले के ऊपर काफी प्रेशर रहता है. कई बड़े प्रोजेक्ट भी इस विधानसभा सीट में हमेशा ही चलते रहते हैं.
राजपुर विधानसभा सीट के बड़े मुद्दे
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट:राजपुर विधानसभा सीट में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. जिसका काम अभी तक यहां चल रहा है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कामों की लेटलतीफी के कारण लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. जिसके कारण स्मार्ट सिटी के इन कामों पर लगातार सवाल उठते आए हैं. वहीं, विपक्ष के नेता राजकुमार कहते हैं कि अगर उनकी सरकार आती है तो सबसे पहले वह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर ही जांच बैठाएंगे. उन्होंने अंदेशा जताया कि इसमें कई हजार करोड़ का घोटाला किया गया है. आम लोगों ने भी स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर सरकार पर आरोप लगाये हैं. लोगों का कहना है हर रोज कोई न कोई सड़क खोदी जाती है जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा इसका आउटपुट कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.
मलिन बस्ती नियमितीकरण:राजपुर विधानसभा सीट के तहत आने वाली मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की कवायद कांग्रेस ने शुरू की थी. जिसमें कइयों का नियमितीकरण किया भी गया था. भाजपा के सत्ता में आते ही नियमितीकरण पर कोई खास कार्रवाई नहीं की गई. भाजपा इस पर अलग से एक अध्यादेश लाई. जिसमें इसे 3-3 साल के लिए आगे बढ़ा दिया. जिससे मलिन बस्तियों के लोगों पर तलवार लगातार लटकती रही है. इस मामले में विपक्ष का कहना है कि वह सत्ता में आते ही इस मामले पर तेजी से कार्रवाई करेगी. सरकार का कहना है कि मलिन बस्तियों को लेकर लाये गये अध्यादेश से लोगों को काफी राहत मिली है.