उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में धर्मांतरण एक्ट के बाद कड़े होंगे कानून, सीएम धामी ने कही ये बात

सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून (CM Dhami on conversion law) से सौहार्द का माहौल बनेगा. सीएम धामी ने बताया कि सामूहिक धर्मांतरण में दोष साबित होने पर 3 से 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना किया जाएगा. धर्मांतरण पर 2 से 7 साल की सजा और 25 हजार जुर्माना होगा.

Etv Bharat
धर्मांतरण एक्ट के बाद कड़े होंगे कानून

By

Published : Nov 30, 2022, 4:00 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 4:14 PM IST

देहरादून: धर्मांतरण कानून (CM Dhami on conversion law) पर एक बार फिर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने बयान दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में इस कानून से प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनेगा. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कानून से सभी को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक आजादी का अधिकार मिलेगा. सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण कानून के अस्तित्व में आते ही ये अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आ जाएगा.

उत्तराखंड में यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे दो महीने पहले जिलाधिकारी को अर्जी देनी होगी. धर्म परिवर्तन करने की अर्जी देने के 21 दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को डीएम के समक्ष पेश होना पड़ेगा. इसके अलावा जबरन धर्मांतरण की शिकायत कोई भी व्यक्ति दर्ज कर सकता है. प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को सदन पटल पर रखा है. इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है.

धर्मांतरण एक्ट के बाद कड़े होंगे कानून

पढ़ें-शीतकाल में वन्यजीवों की हलचल पर रहेगी नजर, गंगोत्री नेशनल पार्क में लगेंगे 40 ट्रैप कैमरे

वहीं, इस कानून अस्तित्व में आते ही जबरन धर्मांतरण गैर जमानती अपराध होगा. सामूहिक धर्मांतरण में दोष साबित होने पर 3 से 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना किया जाएगा, जबकि एक व्यक्ति के धर्मांतरण पर 2 से 7 साल की सजा 25 हजार जुर्माना होगा.

पढ़ें-छात्र को हॉस्टल में शराब पिलाकर दोस्तों ने बनाया न्यूड वीडियो, ब्लैकमेलिंग के आरोप में तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सरकार ने संशोधन विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर सजा की अवधि बढ़ाई है. साथ ही पीड़ितों को कोर्ट के माध्यम से पांच लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी. कानून अस्तित्व में आते ही प्रदेश में धर्मांतरण का कानून अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा. विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया कि यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो दो माह के भीतर धर्म परिवर्तन की घोषणा डीएम को अर्जी देकर करनी होगी. डीएम की ओर से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी सूचना पट्ट पर प्रदर्शित करनी होगी.

Last Updated : Nov 30, 2022, 4:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details