देहरादून: उत्तराखंड में एयरफोर्स की गतिविधियों को लेकर जल्द भूमि चयन का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए जिलाधिकारियों को भी निर्देशित कर दिया गया है. उधर शासन में भी अधिकारियों को इसके लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है. दरअसल, राज्य में ना केवल जौलीग्रांट, पंतनगर एयरपोर्ट, पिथौरागढ़ हवाई अड्डे का विस्तार किया जाना है, बल्कि अल्मोड़ा के चौखुटिया में एयरपोर्ट और कुछ जिलों में रडार भी लगाए जाने हैं.
चीन से बिगड़ते रिश्तों के बीच शासन ने एयरफोर्स की गतिविधियों के लिए जमीन के चिन्हीकरण का काम तेज कर दिया है. खबर है कि इसके लिए कुछ जिलों के जिलाधिकारियों को भी भूमि चयन को लेकर जल्द काम पूरा करने के लिए कहा गया है. यही नहीं शासन स्तर पर भी अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है. आपको बता दें कि सीमा पर चीन के साथ भारतीय सेनाओं के होते संघर्ष और तनावपूर्ण हालातों को देखते हुए उत्तराखंड में भी वायु सेना पूरी ताकत के साथ स्थापित होना चाहती है. इसके लिए कुछ नए एयरपोर्ट और रडार लगाने की योजना बनाई जा रही है. इन सभी कामों के लिए वायु सेना को भूमि की आवश्यकता है, जिसके लिए अधिकारी जुटे हुए हैं.
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यूं तो वायु सेना की उत्तराखंड में काफी पहले से ही भूमि की रिक्वायरमेंट रही है, लेकिन पिछले 2 दिनों से अधिकारियों ने भूमि चयन को लेकर खासी तेजी दिखाई है. ऐसा इसलिए क्योंकि 2 दिन पहले ही वायु सेना मध्य कमान के एयर मार्शल राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सामरिक महत्व के लिहाज से उत्तराखंड में वायु सेना की जरूरतों को लेकर बात की थी. एयर मार्शल ने प्रदेश में हवाई पट्टी और रडार लगाए जाने के लिए जमीन की जरूरत की बात कही थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फौरन अधिकारियों को जमीन के चिन्हीकरण को लेकर आदेश देते हुए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी भी नामित करने के निर्देश दिए थे. इसमें पंतनगर एयरपोर्ट को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट और जौलीग्रांट को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त बनाने की जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एयर मार्शल को दी गई थी.
बता दें कि वायु सेना पिथौरागढ़ हवाई अड्डे के विस्तार समेत चौखुटिया में एयरपोर्ट के निर्माण की जरूरत महसूस कर रही है. यही नहीं चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी क्षेत्र में भी रडार की स्थापना की जानी है. सीमा पर बिगड़ते हालातों के चलते अब उत्तराखंड सरकार ने भी इस काम में काफी तेजी लाई है और जल्द ही प्रदेश में वायु सेना की गतिविधियों के लिए जरूरी भूमि का चयन भी कर लिया जाएगा. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस मामले में अधिकारियों से भूमि चयन को लेकर हुई कार्रवाई का फीडबैक भी ले रहे हैं.