देहरादूनःलॉकडाउन के बीच शैक्षणिक कार्यों को अब राहत बढ़ने के साथ तेज किया जाने लगा है. इस कड़ी में स्कूली शिक्षा के तहत नए एडमिशन और बची हुई परीक्षाओं को संपन्न करवाने और उच्च शिक्षा में भी पठन-पाठन को बेहतर करने पर जरूरी निर्णय लिए गए हैं.
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं के लिए तारीखें घोषित होते ही साफ हो गया कि केंद्र और राज्य सरकार अब शैक्षणिक कार्यों में भी राहत देने जा रही है. यानी स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक में पठन-पाठन के कार्यों को शुरू किए जाने पर निर्णय लिए जाने शुरू हो गए हैं.
अब सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी किए गए हैं. इसमें अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों की मदद से सोशल साइट के जरिए एडमिशन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है. इसमें व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए छात्रों के सर्टिफिकेट लिए जा सकेंगे.
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उधर, निजी स्कूलों को फीस के लिए दबाव नहीं बनाने के आदेश निर्गत किए गए. कुछ स्कूलों पर पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है. हालांकि, स्वेच्छा से मात्र ट्यूशन फीस देने को लेकर अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए छूट दी गई है. वहीं, आरटीई कोटे के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों की फीस का भुगतान भी सरकार की तरफ से जल्द किया जाएगा.
इसके तहत राज्य सरकार 100 करोड़ से भी ज्यादा का भुगतान जल्द निजी स्कूलों को करने जा रही है. हालांकि, कई स्कूलों में अभी बकाया भुगतान की राशि व्यय ज्यादा बनी हुई है और इसमें हरिद्वार और देहरादून के स्कूल सबसे ज्यादा हैं.
उच्च शिक्षा में भी महाविद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों को तेज किया गया है. यहां शैक्षणिक कार्यों के तहत ऑनलाइन क्लासेस चलाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं. जबकि, महाविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षाएं कराए जाने की भी तैयारी की जा रही है.
इसके लिए डीएवी महाविद्यालय ने ऑनलाइन परीक्षाएं कराने की सहमति दे दी है. हालांकि, सवाल ये उठ रहा है कि महाविद्यालय में अब तक महज 40% ऑनलाइन कक्षाएं ही चल रही हैं तो ऐसे में ऑनलाइन परीक्षाएं महाविद्यालय कैसे कर आएगा?