देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम लगातार घाटे में डूबता जा रहा है. आलम यह है कि निगम कर्मचारियों को अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक का वेतन देने के लिए राज्य सरकार पर निर्भर रहना पड़ा है. कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार, जुलाई 2019 से कई मदों के तहत 209.356 करोड़ रुपये, निगम को उपलब्ध करा चुकी है. जिसके जरिये रोडवेज कर्मचारियों को 11 महीने का वेतन दिया गया. जुलाई 2019 से निगम को प्रदेश में संचालित हो रही तमाम योजनाओं की मद से कितना बजट दिया गया, साथ ही पर्वतीय मार्गो पर संचालन से उत्पन्न घाटे के लिए कितना बजट दिया गया है? देखिये ETV भारत की खास रिपोर्ट.
कोरोना महामारी के बाद हर वर्ग, हर तबके पर आर्थिक संकट गहराया है. उत्तराखंड परिवहन निगम भी इससे अछूता नहीं रहा है. जहां एक ओर पहले ही परिवहन निगम वित्तीय संकट से जूझ रहा था तो वहीं, कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद परिवहन निगम की कमर ही टूट गई है. इसकी मुख्य वजह अप्रैल 2020 से बसों का संचालन ठप होना रहा है.
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परिवहन निगम की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए भी पैसे नहीं हैं. जिसके लिए निगम को पिछले कई महीनों से राज्य सरकार का मुंह ताकना पड़ा है. जिसके तहत जुलाई 2019 से अभी तक राज्य सरकार परिवहन निगम को 209.356 करोड़ रुपये उपलब्ध करा चुकी है. बीते दिन कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 34 करोड़ रुपये की धनराशि और स्वीकृति की गई है. जिसके माध्यम से कर्मचारियों को मार्च और अप्रैल महीने का वेतन दिया जाएगा. इसके बाद भी कर्मचारियों को 2 महीने (मई और जून 2021) का वेतन दिया जाना बाकी रहेगा.
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उत्तराखंड परिवहन निगम को बजट की आवश्यकता पड़ने पर उत्तराखंड सरकार द्वारा समय-समय पर परिवहन निगम को पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि के मद से पैसा दिया जाता रहा है. इसी क्रम में जुलाई 2019 से जून 2021 तक पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि के मद से 172.34 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर संचालित योजनाओं की मद से करीब 37.017 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है. जिसके माध्यम से निगम ने कर्मचारियों को 11 महीने का वेतन दिया है.