देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों की हड़ताल से राहत पाने के बाद अब सरकार की नई चिंता कई विभागों के राज्य कर्मचारी बन गए हैं. दरअसल, कर्मचारियों ने अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है. राज्य कर्मचारियों ने 26 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दे दी है.
ऊर्जा कर्मचारियों के हड़ताल ना करने के फैसले के बाद अब प्रदेश में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने 26 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है. खास बात यह है कि इसमें प्रदेश के कई निगमों और विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं. उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले कर्मचारी 25 अक्टूबर से हर दिन 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे. इसके बावजूद भी निर्णय ना होने पर 26 अक्टूबर से प्रदेश भर के कर्मचारी और शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
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कर्मचारियों ने अपनी 18 सूत्रीय मांगों में कार्मिकों को पहले की भांति 10, 16 और 26 साल की सेवा पर पदोन्नति नहीं देने की दशा में पदोन्नति का वेतनमान दिए जाने की मांग रखी है. इसके अलावा गोल्डन कार्ड की विसंगति को दूर करने पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पहले की तरह शिथिलीकरण की व्यवस्था करने, पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने, मिनिस्ट्रियल संवर्ग से कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता स्नातक करने साथ ही राजकीय वाहन चालकों का ग्रेड पे 2400 को इग्नोर करते हुए 4800 किए जाने समेत कुल 18 मांगें सरकार के सामने रखी हैं.
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उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के प्रवक्ता अरुण पांडे ने कहा सरकार को सभी मांगों से अवगत करा दिया गया है. इन मांगों पर विचार नहीं होने की स्थिति में कर्मचारी हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे.