देहरादून:निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसके बाद उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या जावलकर ने भी विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तृत रूप से जानकारी दी. उन्होंने प्रदेश में आदर्श आचार संहिता को कड़ाई से लागू करने की बात कही.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने चुनावी आचार संहिता के लागू होने के बाद उत्तराखंड में मीडिया को चुनावी तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने आगामी दिनों में आचार संहिता का बेहतर तरीके से पालन करवाने से जुड़ी बातों को बताया. इस दौरान उन्होंने कहा 48 घंटे के अंदर सरकारी संपत्ति पर पार्टियों के एडवर्टाइजमेंट को हटाया जाएगा. किसी भी सरकारी संपत्ति पर एडवर्टाइजमेंट के लिए परमिशन लेना जरूरी होगा.
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उन्होंने बताया उत्तराखंड में दूसरे चरण में मतदान होना है. ऐसे में प्रदेश में आदर्श आचार संहिता को कड़ाई से लागू करवाया जाएगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पेड न्यूज पर पूरी तरह से निगरानी रखीं जाएगी. इसके अलावा फ्लाइंग स्क्वाड तैयार किए जाएंगे, जो कि तमाम गतिविधियों पर नजर रखेंगे.
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जिलाधिकारी की तमाम जनसभा या रैलियों को लेकर जिम्मेदारी होगी. साथ ही नियमों का पालन कराने के लिए भी अधिकारी तैनात होंगे. प्रदेश में तमाम मैदानों को राजनीतिक गतिविधियों के लिए चिन्हित कर लिया गया है.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 क्या होती है आचार संहिता
भारतीय निर्वाचन आयोग की आदर्श चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिये बनायी गयी एक नियमावली है. जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है. चुनाव आयोग चुनाव से पहले इसके लागू होने की घोषणा करता है. लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है.
आचार संहिता कब से लागू होती है?
आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है. देश में लोकसभा के चुनाव हर पांच साल पर होते हैं. अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं. चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का ऐलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है.
आदर्श आचार संहिता में पाबंदियां
- सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद.
- नए कामों की स्वीकृति बंद.
- सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे.
- संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होंगे शासकीय दौरे.
- सरकारी वाहनों में नहीं लगेंगे सायरन.
- सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे.
- सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे.
- सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे.
- किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें. ना दें, ना लें.
- सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर खास खयाल रखें. इसलिए किसी तरह मैसेज को शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियमों को ध्यान से पढ़ लें.