देहरादून: उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड(All Weather Road in Uttarakhand) सड़कों और पर्यटन के लिहाज काफी कारगर साबित हुई है. इसके जरिये प्रदेश में न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ी है बल्कि सफर भी आसान हुआ है. अब ऑल वेदर रोड पर डबल लेन सड़क निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी (All weather road standards in Uttarakhand have been cleared by the Supreme Court) के बाद अब प्रदेश के बाकी सभी नेशनल हाईवे को टू लेन किये जाने का भी रास्ता साफ हो गया है. इसी के चलते अब बाकी नेशनल हाईवे भी जल्द ही पहाड़ों पर सिंगल लेन से डबल लेन और मैदानों पर 2 लेन से फोरलेन बनाए जा रहे हैं.
उत्तराखंड की ये सड़के होंगी टू लेन, बन रही DPR
- NH94 बड़कोट धरासू बैंड से जानकी चट्टी यमुनोत्री तक 97 किलोमीटर.
- NH87 काठगोदाम से जोलिकोट और नैनीताल 34 किलोमीटर.
- NH87E जोलिकोट से भवाली, अल्मोड़ा, रानीखेत, चौखुटिया और गैरसैंण होते हुए कर्णप्रयाग तक 235 किलोमीटर.
- NH123 विकासनगर हरबर्टपुर से बड़कोट 111 किलोमीटर.
- NH707A त्यूणी से चकराता, मसूरी, धनोल्टी, चंबा, टिहरी होते हुए मलेथा तक 310 किलोमीटर.
मैदानी जिलों की ये सड़कें हो रही है 4 लेन
- पौंटा साहिब से प्रेमनगर 60 किलोमीटर
- NH212 काशीपुर रामनगर 10 किलोमीटर
कितनी चौड़ी होती हैं 2 लेन सड़क, क्या हैं मानक: दरअसल, आम तौर पर उत्तराखंड में सभी राजमार्ग सिंगल लेन या फिर कुछ एक जगहों पर डेढ़ लेन हैं, जो 3 से 5 मीटर चौड़े हैं. पहली बार ऐसा हुआ की ऑल वेदर रोड के तहत पहाड़ों पर 2 लेन सड़क काटी गई है. हालांकि, इस पर भी कुछ पर्यावरणविद् 2 लेन सड़क कटान से हो रहे नुकसान को लेकर कोर्ट चले गये. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 2 लेन सड़क चौड़ीकरण को लेकर हरी झंडी दी. अब जहां एक तरफ चार धाम यात्रा मार्ग 2 लेन बनाए गये तो वहीं प्रदेश की बाकी सड़कों को 2 लेन किये जाने का रास्ता भी आसान हो गया है.
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2 लेन सड़क की चौड़ाई 10 मीटर विद प्योर शोल्डर होती है, यानी की 7 मीटर का ब्लैक टॉप जिस पर 2 से 3 वाहन आराम से पास हो सकते हैं. आसान भाषा में कहें तो टारमेट कोलतार सड़क की चौड़ाई 7 मीटर और दोनों तरफ 1.5 मीटर की नालियां. इस तरह से 2 लेन होने जा रही सड़कों के लिए अब तकरीबन 11 मीटर चौड़ाई का कटान होगा.
इन बड़े प्रोजेक्ट के बाद बदल जाएगी राज्य की सूरत
ऋषिकेश बाईपास:चारधाम यात्रा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने वाले ऋषिकेश शहर में लगने वाले ट्रैफिक को बाईपास करने के लिए नेपाली फार्म से नटराजचौक, ढालवाला, खराखेत होते हुए शिवपुरी से पहले तपोवन तक NH58 पर एक ऐसा बाईपास तैयार किया जा रहा है जो श्रीनगर के लिए जाने वाले बदरीनाथ मार्ग और नरेंद्र नगर के लिए जाने वाले यमुनोत्री मार्ग के ट्रैफिक को ऋषिकेश से बाईपास करेगा. इस बाईपास प्रोजेक्ट में दो ROB (रेलवे ओवर ब्रिज) श्यामपुर और मनसा देवी में बनेंगे. उसके बाद नटराज चौक से ढालवाला तक एलिवेटेड रोड और ढालवाला से खारा खेत तक अंडरग्राउंड टनल बनाई जाएगी, जो कि तपोवन में मुख्य राजमार्ग से जुड़ेगी. यह बाईपास हरिद्वार से आने वाले वाहनों को सीधा नरेंद्र नगर और श्रीनगर की ओर बिना ऋषिकेश शहर में फंसे ले जाएगा.
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केदारनाथ-बदरीनाथ बाईपास:केदारनाथ से बदरीनाथ जाने वाले लोगों के लिए बिना रुद्रप्रयाग आए एक बाईपास बनाया जा रहा है. जिसमें 700 मीटर की अंडरग्राउंड टनल और 200 मीटर का ब्रिज है. इस बाईपास के बनने के बाद केदारनाथ से बदरीनाथ जाने वाले वाहनों को रुद्रप्रयाग आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. वह केदारनाथ से आने के बाद रुद्रप्रयाग से पहले ही सीधे बदरीनाथ के लिए मुड़ सकते हैं. इस पर भी काम शुरू हो चुका है. अगले एक से डेढ़ साल में यह बाईपास बनकर तैयार हो जाएगा.
मसूरी बाईपास:हिल स्टेशन मसूरी में लगातार बढ़ रहीं पर्यटकों की आवाजाही के बाद छोटे से हिल स्टेशन मसूरी पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है. मसूरी गंगोत्री मार्ग के लिए भी एक अहम पड़ाव है. इसे देखते हुए मसूरी में एक बाईपास टनल का प्रोजेक्ट पास किया गया है. यह ढाई किलो मीटर लंबी टनल मसूरी से पहले पड़ने वाले नाग मंदिर रोड के पास से सीधा कैंपटी से पहले सिया गांव के पास निकलेगी. इस चैनल के बनने के बाद जहां एक तरफ मसूरी से गंगोत्री जाने वाला ट्रैफिक मसूरी से बाईपास हो जाएगा. वहीं, NH707A पर चकराता से धनौल्टी और टिहरी के लिए जाने वाले वाहनों के लिए भी यह टनल मसूरी को बाईपास करने का काम करेगी.
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बदल जाएगी प्रदेश की सूरत:उत्तराखंड में लोक निर्माण विभाग के नेशनल हाईवे हेड प्रमोद कुमार का कहना है कि यह सारे काम कुछ DPR के स्टेज पर हैं, कुछ सैक्सन हो चुके हैं. कुछ कामों में टेंडर होकर काम भी शुरू हो चुका है. उनका कहना है कि आगामी कुछ वर्षों में यह सारी सड़कें चौड़ीकरण के बाद टू लेन हो जाएंगी. आने वाले समय में पहाड़ पर जीवन की रफ्तार और तेज हो जाएगी. इससे प्रदेश की इकोनॉमी पर भी असर पड़ेगा. आम लोगों को इन सड़कों के बनने से सुविधा होगी.