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क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर आक्रोशित राज्य आंदोलनकारी, 28 नवंबर को विधानसभा के आगे देंगे धरना - क्षैतिज आरक्षण की मांग

क्षैतिज आरक्षण के मामले पर राज्य आंदोलनकारियों (State agitator on issue of horizontal reservation) ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दी है. राज्य आंदोलनकारी सत्र से एक दिन पहले विधानसभा के बाहर धरना (State agitators will protest outside assembly) देंगे. इसके बाद भी अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती है तो वे सभी सीएम आवास का घेराव (State agitators will lay siege to CM residence) करेंगे.

State agitators will protest
क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर आक्रोशित राज्य आंदोलनकारी

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Published : Nov 23, 2022, 7:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के राज्य आंदोलनकारियों के आह्वान पर शहीद स्मारक पर महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार जिस प्रकार राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण के मामले (State agitator on issue of horizontal reservation) पर काम कर रही है वो सही नहीं है. उन्होंने कहा कि बार-बार कैबिनेट में प्रस्ताव न लाने के साथ ही मुख्यमंत्री के बयान और अध्यादेश जारी न करने से प्रदेश के राज्य आंदोलनकारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को दोबारा क्षैतिज आरक्षण देने के मामले को लेकर राज्य आंदोलनकारियों में आक्रोश बना हुआ है. इस बारे में आज शहीद स्मारक में बैठक हुई. जिसमें आंदोलनकारी जगमोहन नेगी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए विधान सभा सत्र से एक दिन पहले 28 नवंबर को विधानसभा के आगे धरना दिया जाएगा. सत्या पोखरियाल व सुलोचना भट्ट के साथ उर्मिला शर्मा ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि हमने 1994 में अपने बच्चों और युवाओं को रोजगार की मांग को लेकर पृथक राज्य आंदोलन में भाग लिया था. अब पुनः एक बार सड़कों पर आने के लिए सरकार हमें बाध्य कर रही है.

क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर आक्रोशित राज्य आंदोलनकारी

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बैठक का संचालन करते हुए प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, युद्धवीर सिंह चौहान और क्रांति कुकरेती ने कहा कि 28 तारीख को धरने के माध्यम से सरकार को एक सप्ताह का समय देंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री के आवास पर 'घेरा डालो, डेरा डालो' के तहत आंदोलन (State agitators will lay siege to CM residence) किया जाएगा. संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी ने सरकार से अपील की कि राज्य आंदोलनकारियों के लिए 2004 से बनी हुई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए शीघ्र अध्यादेश जारी कर उन्हें राहत देने का कार्य करें.

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