देहरादून: अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से सरकार से आस लगाए बैठे राज्य आंदोलनकारी बेहद नाराज हैं. यही वजह है कि मार्च में होने वाले गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र के घेराव की तैयारी आंदोलनकारियों ने अभी से करनी शुरू कर दी है. इसको लेकर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने शहीद स्मारक देहरादून में एक बैठक की. आंदोलनकारियों का कहना है कि पिछले सत्र में घेराव के दौरान कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने उन्हें वार्ता कर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन आगे उस पर कुछ भी काम नहीं हुआ. बताते चलें कि राज्य आंदोलनकारियों की मुख्य मांगें- मुज़फ़्फरनगर कांड के दोषियों को फांसी की सजा, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सम्मान मंच के कार्यालय को फिर से खोले जाने, पहाड़ विरोधी भू-कानून को रद्द करने व स्थाई राजधानी गैरसैंण हो इसको लेकर हैं. यदि सरकार आगामी 15-दिनों में कोई सकारात्मक निर्णय ले लेती है, तो उसका स्वागत होगा. अन्यथा बजट सत्र में गैरसैंण में फिर विधानसभा मार्च किया जाएगा.
राज्य आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगें जैसे मुज़फ़्फरनगर, खटीमा, मसूरी गोली कांड के दोषियों को सजा दिलाओ, राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत शिथिलता (क्षैतिज आरक्षण एक्ट) लागू करो एवं चार वर्षों से चिह्नीकरण के लंबित मामलों के निस्तारण के साथ ही एक समान पेंशन लागू क. राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद का जल्द गठन किया जाए.