देहरादून: उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के बैनर तले राज्य आंदोलनकारियों ने 10% क्षैतिज आरक्षण लागू किए जाने को लेकर विधानसभा के सामने धरना दिया. राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार को 1 सप्ताह का समय दिया. राज्य आंदोलनकारियों ने कहा अगर एक हफ्ते में क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था बहाल नहीं की जाती है तो उसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर ''घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन'' किया जाएगा.
क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर राज्य आंदोलकारियों का हल्ला बोल, विस के बाहर दिया धरना - demanding horizontal reservation
10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की मांग(Demand for 10 percent horizontal reservation) को लेकर राज्य आंदोलनकारी आंदोलित हैं. आज राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा के बाहर दिया धरना(protest of state agitators outside the assembly) दिया. इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी भी दी.
इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी विक्रम भंडारी ने कहा उनकी नौ सूत्रीय मांगे लंबित पड़ी हुई हैं, लेकिन उनकी मुख्य मांग 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी आज तक उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हो पाया है. विक्रम भंडारी का कहना है कि उनकी मांगों की फाइल शासन प्रशासन में घूम रही है, लेकिन उनकी मांगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कई युवा साथी और मातृशक्ति अभी भी चिन्हिकरण से वंचित हैं.
राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री को इस मंच से अपनी मांगों को लेकर अवगत कराया है लेकिन उनकी मांगों का समाधान नहीं हो पाया है. प्रदर्शन के दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग भी उठाई. साथ ही कहा कि कल से विधानसभा सत्र होने जा रहा है. ऐसे में सरकार को याद दिलाने के लिए आज विधानसभा के सामने धरना दे रहे हैं. राज्य आंदोलनकारियों ने कहा यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो आगामी समय में मुख्यमंत्री आवास पर घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.