देहरादून: विधानसभा में बैक डोर एंट्री के नाम पर की गई मनमाफिक भर्तियों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों में भी आक्रोश व्याप्त है. बैक डोर से हुई भर्तियों के विरोध में राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा कूच किया. इससे पहले सभी राज्य आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए. राज्य में महिलाओं के 30% आरक्षण पर रोक लगाने व भर्ती प्रक्रिया एवं विधानसभा में बैक डोर एंट्री से नौकरी देने के साथ ही अधीनस्थ चयन आयोग की भर्तियों में हुए घपले घोटाले जैसे गंभीर विषयों पर बैठक की
विधानसभा का बैक डोर ढूंढने निकले राज्य आंदोलनकारी, मनमानी भर्तियों को लेकर कसा तंज - गोविंद कुंजवाल भर्ती घोटाला
उत्तराखंड विधानसभा में माननीयों के चहेतों की बैक डोर से हुई भर्ती पर बवाल मचा हुआ है. हर कोई इन भर्तियों को लेकर आक्रोशित है. बुधवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी इन बैक डोर भर्तियों का दरवाजा ढूंढने निकले. इस तरह से राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड सरकार पर तंज कसा.
इसके बाद राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा जाने का निर्णय लिया. जिसको देखते हुए एलआईयू भी सक्रिय हो गई. लेकिन आंदोलनकारी विधानसभा के मुख्य गेट पर जाने की जगह उसके पिछले हिस्से में रिस्पना नदी के किनारे पुश्ते तक पहुंच गए. हालांकि आंदोलनकारी ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए. उन्होंने सांकेतिक रूप से विधानसभा का बैक डोर तलाशा और उसके बाद फिर फ्रंट गेट पर जमा होकर नारेबाजी करने लगे. आंदोलनकारियों ने पिछले दरवाजे से भर्तियां किए जाने को लेकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया.
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इस दौरान राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी और जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती का कहना है कि सरकार तत्काल महिलाओं का आरक्षण बहाल करे. भर्ती घोटालों की सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में सीबीआई जांच कराए. राज आंदोलनकारियों का कहना है कि एक बार फिर राज्य को बचाने की लड़ाई को लेकर आगामी 8 सितंबर को गांधी पार्क में धरना दिया जाएगा.