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गैरसैंण में सत्र नहीं कराने से राज्य आंदोलनकारी हुए नाराज, बताया शहीदों का अपमान - State agitator Pradeep Kukreti

त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था, जिससे उम्मीद थी कि हर बार गर्मियों में विधानसभा सत्र गैरसैंण में आयोजित किया जाएगा, लेकिन इस बार ग्रीष्मकालीन सत्र देहरादून में ही आयोजित किया जाएगा. जिसका राज्य आंदोलनकारियों ने विरोध किया है.

State agitators angry
गैरसैंण में सत्र नहीं कराने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों

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Published : Jun 9, 2022, 4:39 PM IST

देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों ने गैरसैंण की जगह देहरादून में विधानसभा सत्र आयोजित किए जाने को लेकर नाराजगी जताई है. राज्य आंदोलनकारियों ने देहरादून में विधानसभा सत्र किए जाने को शहीदों का अपमान बताया है. इसको लेकर उन्होंने एक बैठक की. इस दौरान उन्होंने सरकार पर शहीदों के अपमान और आंदोलनकारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. बता दें कि 14 जून से विधानसभा सत्र आयोजित होगा.

राजधानी गैरसैंण निर्माण अभियान के बैनर तहत राज्य आंदोलनकारियों ने एक बैठक की. जिसमें देहरादून में विधानसभा सत्र आयोजित किए जाने का विरोध किया गया. राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा सरकार ग्रीष्मकालीन सत्र को देहरादून में आयोजित कर रही है. जबकि पिछली सरकार में गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था. उसके बावजूद सत्र का आयोजन देहरादून में आयोजित करवाया जा रहा है.

गैरसैंण में सत्र नहीं कराने से राज्य आंदोलनकारी हुए नाराज.

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उन्होंने कहा सरकार चारधाम यात्रा का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है. क्योंकि यात्रा तो प्रति वर्ष होती है तो फिर ग्रीष्मकालीन की घोषणा क्यों की गई? उन्होंने कहा सरकार अपने वादे से मुकर रही है. त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था, इससे यह आशा जगी कि सरकार गैरसैंण की ओर कदम बढ़ा रही है. लेकिन धामी सरकार अचानक यूं टर्न लेते हुए सत्र देहरादून में आयोजित करवा रही है.

उन्होंने इसे शहीदों का अपमान और राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम बताया. प्रदीप कुकरेती ने कहा सरकार को वहां इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए था, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर वहां पर तैयार नहीं है. ऐसे में राज्य के बड़े अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए चारधाम यात्रा का बहाना कर रहे हैं. क्योंकि यात्रा तो प्रतिवर्ष होती है, सरकार को इस बात के लिए सच्चाई बतानी चाहिए और तत्काल फैसला लेते हुए सत्र को गैरसैंण में आहूत करना चाहिए.

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