देहरादून: राज्य आंदोलनकारी मोहन भट्ट का रविवार को निधन हो गया. केबल ठीक करने के दौरान सीढ़ी से फीसलने के कारण वह चोटिल हो गए थे. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
देहरादून के चुक्खूवाला की इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले 46 वर्षीय मोहन भट्ट केबल का काम करते थे. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने बताया कि बीते शनिवार को अपने घर के पास केबल ठीक कर रहे थे. उसी दौरान सीढ़ियों से फिसल कर वे घायल हो गए. जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिये महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन, रविवार सुबह उनका निधन हो गया. मोहन भट्ट अपने पीछे पत्नी और तीन बेटियां छोड़ गए.
प्रदीप कुकरेती का कहना है कि राज्य निर्माण आंदोलन में मोहन भट्ट की सक्रिय भूमिका थी. वे आंदोलन कार्य की मांगों को लेकर हमेशा प्रयासरत रहते थे. उन्होंने बताया कि रविवार देर शाम लक्खी बाग स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. राज्य आंदोलनकारी मोहन भट्ट के निधन पर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने भी गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से उत्तराखंड राज्य ने अपना एक बहुत ही निष्ठावान सपूत खो दिया है.
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मोहन भट्ट के निधन पर आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट, महिला शाखा की अध्यक्ष सावित्री नेगी, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र पोखरियाल ने भी मोहन भट्ट के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है.