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जहरीली शराब कांडः आरोपी घोंचू से नहीं मिला कोई सुराग, पुलिस की कहानी में झोल? - आरोपी घोंचू गिरफ्तार

जहरीली शराब कांड मामले में सीएम की सख्ती के बाद मुख्य आरोपी अजय सोनकर उर्फ घोंचू को गिरफ्तार कर पुलिस ने राहत की सांस ली है. एसएसपी के मुताबिक अभी इस मामले में अन्य लोगों की धरपकड़ जारी है. फैक्ट्री से लेकर आबकारी गोदाम और ठेकों पर मौजूद जाफरान शराब की जांच आईआईटी रुड़की की एक टीम करेगी.

एसएसपी अरुण मोहन जोशी.

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Published : Sep 23, 2019, 11:38 PM IST

Updated : Sep 23, 2019, 11:57 PM IST

देहरादून:जहरीली शराब कांड मामले में देहरादून पुलिस ने मुख्य आरोपी अजय सोनकर उर्फ घोंचू को ईसी रोड से गिरफ्तार किया है. हालांकि इससे पहले राजनीतिक संरक्षण के चलते घोंचू पुलिस की पकड़ से बचता आ रहा था. गिरफ्तारी के बाद आरोपी घोंचू द्वारा कुछ खुलासे किए गये हैं. हालांकि रुड़की आईआईटी से एक टीम को सैंपलों की जांच के लिए बुलाया गया है.

जानकारी देते एसएसपी अरुण मोहन जोशी.

पुलिस के मुताबिक पूछताछ में घोंचू ने बताया कि वह कनॉट प्लेस के देसी जाफरान ठेके से भारी मात्रा में 70 रुपये कीमत पर देसी शराब का क्वार्टर खरीदता था. जिसे वह एजेंट को 85 रुपये में बेच देता था. जिसके बाद एजेंट पथरिया पीर सहित अन्य इलाकों में उसको 100 रुपये में पहुंचाया करता था. पुलिस के मुताबिक घोंचू द्वारा अभी तक शराब में किस तरह से मिलावट की जाती है, यह बात सामने नहीं आई है.

देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि जहरीली शराब प्रकरण में किसी भी तरह के पदार्थों के मिलावट की जांच अभी होनी बाकी है. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी. एसएसपी के मुताबिक जहरीली शराब प्रकरण में बहुत जल्द आईआईटी रुड़की देसी जाफरान फैक्ट्री में सभी सैंपलों के तैयार होने की प्रक्रिया की जांच पड़ताल करेगी. इसके अलावा गोदामों और दुकानों में रखे हुए स्टॉक के सैंपलों की भी जांच की जाएगी.

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एसएसपी अरुण मोहन जोशी के मुताबिक प्रकरण में हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले 10 लोगों के मेडिकल टेस्ट में मेथनॉल का टेस्ट किया गया. जिसमें से 5 लोगों के टेस्ट रिपोर्ट में मेथनॉल पाया गया है. जबकि 2 लोगों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. एसएसपी के मुताबिक अभी तक इस प्रकरण में 6 लोगों की मौत का कारण जहरीली शराब है, इस बात से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता.

वहीं राजनीतिक रसूख रखने वाले आरोपी घोंचू के मुताबिक उसने कुछ दिन पहले ही भारी पुलिस दबाव के चलते शराब का धंधा बंद कर दिया था. घोंचू के मुताबिक वह 70 रुपये क्वार्टर वाली शराब अपने एजेंट को देता था, जो आगे 100 रुपये में कॉलोनियों में बेचता था. हालांकि इस बात पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि बस्तियों में रहने वाले गरीब लोग लोग शराब के ठेके से 15 रुपये ज्यादा देकर ब्लैक में शराब क्यों ले रहे थे.

देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि इस गंभीर प्रकरण में पुलिस के ऊपर किसी प्रकार का राजनीतिक दबाव नहीं है. उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में जितने लोगों का नाम सामने आ रहा है, पुलिस उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी.

वहीं घटना के दिन गायब घोंचू को पकड़ने के लिए आसमान से लेकर पाताल लोक तक धरपकड़ के प्रयास हो रहे थे. जबकि पुलिस द्वारा घोंचू को आज शाम सचिवालय के सामने से निकलने वाली ईसी रोड से गिरफ्तार किया गया, यह बात हजम नहीं हो रही है.

Last Updated : Sep 23, 2019, 11:57 PM IST

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