देहरादून:अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के मौके पर आपको रूबरू करवाते हैं उत्तराखंड के उस सपूत से जो देश से बाहर रहकर भी अपने प्रदेश नाम रोशन कर रहे हैं. मूल रूप से उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग निवासी गिरीश पिछले कई सालों से दुबई और अन्य देशों में फंसे एक हजार से ज्यादा भारतीयों को अपने वतन लौटा चुके हैं. देश हित में किए गए इस कार्य के लिए राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित भी किया है.
बजरंगी भाईजान के नाम से है फेमस हैं गिरीश
गिरीश ने समाजसेवा की औपचारिक शुरुआत उत्तराखंड में आई 2013 की आपदा के बाद से की. दरअसल, 2013 की आपदा के बाद जहां पूरे विश्व से लोग मदद के लिए आगे आ रहे थे तो गिरीश भी दुबई में एकत्रित हुए 400 किलो राहत सामग्री और गढ़वाल-कुमाऊं क्षेत्र के आपदा पीड़ितों के लिए 6-6 लाख का मुआवजा लेकर अकेले दुबई से दिल्ली और फिर दिल्ली से खराब मौसम में पहाड़ों की ओर चल दिए.
इसके बाद गिरीश की समाजसेवा का सिलसिला चलता रहा. फेक जॉब के चक्कर में दुबई में फंसे युवा, आत्महत्या और दुर्घटना के बाद शव लाने तैयारी के लिए लोग गिरीश को संपर्क करने लगे. दुबई में फंसे अलग-अलग जगह से गिरीश के पास संदेश आने लगे.
गिरीश ने बताया कि उत्तराखंड से दुबई काम करने के लिए आए निर्मल रावत दुबई के बीच समुद्र में एक शिप पर 18 महीनों तक फंसे रहे. जिसके बाद 11 महीने की जद्दोजहद के बाद निर्मल रावत को वहां से रेस्क्यू किया गया और अपने वतन वापस भेजा गया. इसी तरह से दुबई में फंसे गुजरात के 26 लोगों को गिरीश पंत ने रेस्क्यू किया और वतन वापस भेजा.