देहरादून:उत्तराखंड में राज्य कर विभाग के माध्यम से तमाम व्यवसायियों का वेरिफिकेशन जारी है. मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू के निर्देश के बाद प्रदेश भर में विभिन्न करदाताओं का निरीक्षण कर उनके द्वारा टैक्स अदायगी की जांच की जा रही है. खास बात यह है कि इसके लिए चलाए गए विशेष अभियान में अब तक 5 हजार से ज्यादा करदाताओं का निरीक्षण किया जा चुका है.
मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद राज्य कर विभाग द्वारा ऐसे करदाताओं के संबंध में 07 जुलाई 2022 से विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिनके द्वारा काफी समय से निल रिटर्न (शून्य वापसी) दाखिल की जा रही थी. इस अभियान के तहत अबतक 5,746 व्यापारियों के वेरिफिकेशन (Verification) किये गये हैं.
राज्य कर विभाग की विशेष टीम द्वारा केंद्र के अधिकार क्षेत्र के व्यापारी कृष्णा इंटरप्राइजेज हरिद्वार के व्यापार स्थल की जांच की गयी. जांच में पाया गया कि व्यापारी ने वर्ष 2017-18 से 2018-19 में ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करते हुए लगभग ₹1.13 करोड़ की गलत आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ लिया है. जांच के दौरान ही व्यापारी ने 5 लाख राजकीय कोष में जमा कराये.
विशेष जांच इकाई ने कार्रवाई के के दौरान खटीमा में 2 ट्रांसपोटर्स के गोदामों की जांच की. जांच के दौरान विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट के गोदाम में 40 बैग तम्बाकू बिना कागजातों के पाये गये, जिनका अनुमानित मूल्य ₹2 लाख है. अग्रवाल ट्रांसपोर्ट के गोदाम की जांच के दौरान इलेक्ट्रिकल व हार्डवेयर गुड्स के 6 नग बिना कागजों के पाये गए, जिनका अनुमानित मूल्य ₹2.50 लाख है. उक्त सामान को जब्त किया गया है और जांच की जा रही है.
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इनको भी जीएसटी रिटर्न फाइल करना जरूरी: व्यापारियों के मध्य ये गलतफहमी है कि ₹20 लाख से कम टर्नओवर वाले छोटे पंजीकृत व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न फाइल करना और टैक्स जमा करना अनिवार्य नहीं है. इस मामले में संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर राकेश वर्मा ने एक टीम गठित करते हुए अभियान चलाया. जिसमें उन्होंने व्यापारियों को अवगत कराया कि ऐसे व्यापारी, जिनका टर्नओवर 20 लाख से कम है, लेकिन उनके द्वारा जीएसटी पंजीयन प्राप्त किया गया है, उनको भी जीएसटी रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है.