उत्तराखंड

uttarakhand

FOREST FIRE: उत्तराखंड में 24 घंटे पहले जारी होगा स्पेशल अलर्ट, एडवाइजरी सिस्टम तैयार

By

Published : Mar 20, 2022, 4:16 PM IST

Updated : Mar 20, 2022, 4:49 PM IST

उत्तराखंड में वनाग्नि को रोकने के लिए 24 घंटे पूर्व ही स्पेशल अलर्ट जारी हो जाएगा. इसके लिए ऑटोमेटेड फॉरेस्ट फायर रिस्क एडवाइजरी सिस्टम तैयार किया गया है.

advisory-system-prepared-for-special-alert-24-hours-in-advance-regarding-forest-fire-in-uttarakhand
उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर को लेकर 24 घंटे पहले होगा स्पेशल अलर्ट

देहरादून: उत्तराखंड में 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो गया है जो 15 जून तक चलेगा. बीते साल भीषण वनाग्नि के नुकसान से सबक लेते हुए इस बार वन विभाग ने फॉरेस्ट फायर को रोकने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है. उत्तराखंड वन विभाग की ओर से प्रदेश में पहली बार संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान सर्वेक्षण (IIRS) के साथ मिलकर ऑटोमेटेड फॉरेस्ट फायर रिस्क एडवाइजरी सिस्टम तैयार किया गया है.

इस सिस्टम के तहत प्रदेश में वनाग्नि के मामले में पिछले रिकॉर्ड के आधार पर 24 घंटे पूर्व ही संवेदनशील और अतिसंवेदनशील वनाग्नि क्षेत्रों की जानकारी मुख्यालय कंट्रोल रूम से वाट्सएप और ईमेल और मैसेज से संबंधित प्रभागीय वनाधिकारी को दी जाएगी. जिससे समय रहते संसाधनों और मैन पावर के साथ वनाग्नि को कंट्रोल कर वन संपदा को बचाया जा सके.

उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर को लेकर 24 घंटे पहले होगा स्पेशल अलर्ट

पढ़ें-कल शाम को होगी विधानमंडल दल की बैठक, CM फेस पर सस्पेंस जारी

मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने बताया वन विभाग की ओर से प्रदेश के उन क्षेत्रों की पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों की एक रिपोर्ट तैयार की गई है जहां पर आग लगने के बाद स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो जाती है. आंकड़ों के आधार पर जंगल की आग की टाइमिंग और उसके बढ़ने के कारणों का आकलन भी किया गया है. इन सबसे निपटने के लिए IIRS के साथ मिलकर ऑटोमेटेड फॉरेस्ट फायर रिस्क एडवाइजरी सिस्टम तैयार किया गया है.

पढ़ें-ओ री चिरैया...अंगना में आ जा तू, कोटद्वार के दिनेश की मेहनत रंग लाई, चहकने लगी गौरैया

जिसके तहत इन अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रो की 24 घंटे पूर्व तापमान और आद्रता चेक की जाएगी. जिसके आधार पर सम्बंधित क्षेत्र के प्रभागीय वनाधिकारियों को 24 घण्टे पूर्व ही अलर्ट किया जाएगा. समय से पूर्व अलर्ट जारी होने पर विभाग अपने संसाधनों के साथ अधिक मुस्तैदी के साथ वनाग्नि को रोककर वन संपदा को बचाने में कामयाब हो पायेगा.

बता दें बीते साल उत्तराखंड में वनाग्नि की 2813 घटनाएं दर्ज हुई थी. जिसमें 3943.88 हेक्टयर वनसंपदा को नुकसान हुआ था. वहीं, इस वर्ष अब तक 33 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं. जिसमें 36.65 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान हुआ है. इसके साथ ही वन विभाग में IIRS के साथ मिलकर एक अन्य फारेस्ट फायर रिपोर्टिंग मोबाइल एप सिस्टम तैयार किया है.

जिसके तहत वनकर्मी वनाग्नि की घटना होने पर इस एप के माध्यम से लाइव रिकॉर्डिंग कर सकता है. जिसका विजुलाइजेशन वन विभाग के मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से सीधे तौर पर होगा. इससे स्थिति अनुसार सम्बंधित जिले के प्रभागीय वनाधिकारी और अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया जाएगा.

Last Updated : Mar 20, 2022, 4:49 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details