देहरादून: विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. लेकिन इस बार कांग्रेस विधायकों को निलंबित करने की कार्रवाई और विशेषाधिकार हनन को लेकर सियासत गरमाई हुई है. हालांकि, सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान ना सिर्फ बजट पर चर्चा की गई, बल्कि विभाग वार बजट को पारित भी कर दिया गया. सदन की कार्यवाही के दौरान जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया. साथ ही कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने अधिकारियों पर सदन को गुमराह करने का भी आरोप लगाया. जिसका संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जांच के आदेश दे दिए.
MLA आदेश चौहान का मामला: विशेषाधिकार हनन पर सदन को गुमराह करने का आरोप, स्पीकर ने दिए जांच के आदेश - adesh chauhan breach of privilege case
कांग्रेस विधायक आदेश चौहान के अधिकारियों पर सदन को गुमराह करने के आरोप को विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया है. साथ ही मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी.
कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने उठाया मामला:यही नहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि अगर सदन को गुमराह करने का मामला सच साबित हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि जसपुर से कांग्रेस विधायक के विशेषाधिकार हनन मामले को लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ था. इसी मामले को लेकर कांग्रेस के विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित किया गया था. वहीं विधानसभा सत्र के चौथे दिन नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विशेषाधिकार की अवहेलना के मामले को उठाया. साथ ही कहा कि विधायक आदेश के मामले को लेकर न्यायालय में कोई चार्जशीट दायर नहीं है. जबकि सदन के भीतर अधिकारियों की ओर से जवाब दिया गया कि कांग्रेस विधायक आदेश चौहान के मामले में न्यायालय में चार्जशीट दी गई है.
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सदन में गंभीरता से लिया गया मामला: सदन के भीतर विधायक आदेश चौहान ने अपनी बात को को रखा और कहा कि अफसरों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को जो जानकारी दी है, उसके अनुसार उनके पास एक ही गनर है और न्यायालय में मामला दायर है. विधायक चौहान ने कहा कि पिछले पांच साल में उनके पांच गनर बदले गए. जबकि छह महीने से उनके पास गनर नहीं है. जिसके बाद कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने आरोप लगाते हुए सदन में कहा कि सरकार ने गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह करने का काम किया है. साथ ही विधानसभा अध्यक्ष से संरक्षण मांगते हुए इस मामले को संज्ञान में लेने का अनुरोध किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर सदन को गलत जानकारी दी गई है तो इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. अगर जांच में यह पाया जाता है कि सदन को गुमराह किया गया है तो इस पूरे मामले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.