देहरादून: नैनीताल जिले में एसएचओ के ट्रांसफर के मामले में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले की जांच एसपी सिटी हल्द्वानी को सौपीं गई है. वहीं अभी एसएचओ का ट्रांसफर रोक दिया गया है.
दरअसल, ये मामला सत्ता की हनक से जुड़ा हुआ है. एक दर्जाधारी राज्यमंत्री के पति का नैनीताल में मल्लीताल थाने के एसएचओ से सिर्फ इस बात पर विवाद हो गया कि उन्होंने गलत साइड में कार खड़ी करने से रोका था. ये बात मंत्री के पति को नागवार गुजरी. मंत्री के पति ने सत्ता का रोब दिखाते हुए मौके से ही किसी मंत्री को फोन किया और एसएचओ की शिकायत की. सबसे बड़ी बात ये थी कि इस घटना के कुछ घंटो बाद ही एसएचओ राहुल राठी का तबादला पिथौरागढ़ कर दिया गया था.
पढ़ें- हल्द्वानी: SHO को मंत्री के पति से उलझना पड़ा भारी, बदले में मिला ट्रांसफर
हालांकि एसएचओ राहुल राठी के ट्रांसफर को लेकर डीआईजी कुमाऊं जगतराम जोशी ने सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि उक्त एसएचओ का व्यवहार पुलिस के प्रति ठीक नहीं था. करीब 1 महीने पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया था जो अंडर प्रोसेस था. अब उसका ट्रांसफर किया गया है.
पढ़ें- नामांकन रद्द होने से भड़के छात्र, महाविद्यालय गेट पर दिया धरना
ये वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस की काफी फजीहत हुई थी. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि सही रूप से ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को किसी रसूखदार के दबाव में सजा नहीं दी जा सकती है. यह पूरी तरह से गलत है. मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. वायरल वीडियो और मीडिया की खबरों का संज्ञान लेते हुए दरोगा के ट्रांसफर को रोक दिया गया है.