मसूरी:उत्तराखंड की संस्कृति में यहां के व्यंजन और उत्पाद रचे-बसे हैं. जो लोगों को हमेशा से ही अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं. लेकिन समय के साथ इन चीजों को जो पहचान मिलनी चाहिए थी, वो आजतक नहीं मिल पाई है. वहीं कुछ लोग अतीत से चली आ रही इस विरासत को संजोने का काम कर रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता पंकज अग्रवाल पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. पंकज अग्रवाल मसूरी में पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश में जुटे हैं. साथ ही वे सरकार द्वारा पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों की अनदेखी को लेकर खफा दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि पूर्व की हरीश रावत सरकार द्वारा पहाड़ी उत्पादों और व्यंजनों पर काफी जोर दिया गया था. छोटे से लेकर बड़े होटलों तक पहाड़ी व्यंजनों को पहुंचाने का काम किया गया. जिससें पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. लेकिन वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए हैं. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में मायूसी है.
बता दें कि, पंकज अग्रवाल द्वारा लगातार पिछले कई सालों से उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. साथ ही देश-विदेश से मसूरी आने वाले लोगों को पहाड़ी व्यंजनों को परोसने का काम कर रहे हैं. पंकज अग्रवाल ने उत्तराखंड के पहाड़ी संस्कृति के साथ ही वर्षों पुराने बर्तनों और सामान आदि को अपने दुकान पर संजोकर रखा हुआ है. जो लोगों के आर्कषण का केंद्र बन रहे हैं.
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