उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी भूकानून लागू करने की मांग, सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी - Uttarakhand Politics News

uttarakhand Land Law प्रदेश में इन दिनों सख्त भूकानून की मांग हो रही है. जिसको लेकर प्रदेश में लगातार सियासत होती रहती है. वहीं मूल निवास भूकानून समन्वय संघर्ष समिति ने हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी भूकानून लागू करने की मांग की है. साथ ही मांग पूरी ना होने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 12, 2024, 11:10 AM IST

Updated : Jan 12, 2024, 11:19 AM IST

हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी भूकानून लागू करने की मांग,

देहरादून: उत्तराखंड में तमाम सामाजिक संगठन भूकानून को सशक्त बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. जिससे प्रदेश की जमीनों को बाहरी लोगों और भूमाफियाओं से बचाया जा सके. इसी कड़ी में मूल निवास भूकानून समन्वय संघर्ष समिति ने हुंकार भरते हुए हिमाचल की तर्ज पर प्रदेश में भूकानून लागू करने की मांग की. साथ ही मांग पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

मूल निवास भूकानून समन्वय संघर्ष समिति की बैठक शहीद स्मारक में हुई. इस बैठक में करीब 50 संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे और अपनी मांगों को लेकर अग्रिम रणनीति पर कई प्रस्ताव पारित किए गए. बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि समिति की टीम राज्य आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारी और उत्तराखंड की महान विभूतियों के गांव जाकर उनके आंगन की मिट्टी कलश में एकत्रित करके शहीद स्मारक लाएगा. जिस दिन सशक्त भूकानून और मूल निवास की मांग मान ली जाएगी, उस दिन हरिद्वार स्थित गंगा में कलश विसर्जित किया जाएगा. समिति के संयोजक मोहित डिमरी का कहना है कि बैठक में ड्राफ्टिंग कमेटी प्रचार-प्रसार समिति और वित्त नियंत्रण कमेटी के गठन का फैसला लिया गया.
पढ़ें-सख्त भू-कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड में घमासान, सीएम धामी ने लिया बड़ा फैसला, शुरू हुई सियासत

इसके साथ ही हिमाचल की तर्ज पर प्रदेश में भूकानून लागू करने और मूल निवास को लेकर 15 जनवरी को बागेश्वर के सरयू नदी में स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रवाहित किये जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसके बाद 28 जनवरी को हल्द्वानी में एक विशाल मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकालने का प्रस्ताव पारित किया गया है. मोहित डिमरी का कहना है कि यह लड़ाई लंबी है, लेकिन समिति का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को मूल निवास और सशक्त भूकानून के आंदोलन से जोड़ना है. उन्होंने कहा कि सरकार को जन भावनाओं का सम्मान करते हुए मांगों को मान लेना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मांगों पर गौर ना होने पर आंदोलन को और बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाया जाएगा.

बता दें कि बीते दिनों भूकानून को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाया है. सीएम धामी ने प्रदेश में बाहरी व्यक्तियों के कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से जमीन खरीदने पर अंतरिम रोक लगा दी गई है. जिसमें मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि भू-कानून समिति की आख्या प्रस्तुत किये जाने तक या अग्रिम आदेशों तक डीएम उत्तराखंड से बाहरी व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि क्रय करने की अनुमति के प्रस्ताव में अनुमति नहीं देंगे.

Last Updated : Jan 12, 2024, 11:19 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details