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कहीं आप और आपके बच्चे तो नहीं है 'NOMOPHOBIA' के शिकार, जानें इससे जुड़ी कुछ जानकारियां

स्मार्टफोन और इंटरनेट से बच्चे को दूर नहीं रखा जा सकता. पर यह जरूरी है कि बच्चे को इसकी लत न लगे.

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Published : Jul 31, 2019, 6:47 PM IST

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देहरादून:अबतक आपने सिर्फ नशे की लत के बारे में सुना होगा, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विश्व भर के लगभग 84 प्रतिशत लोग इन दिनों स्मार्टफोन की लत के शिकार हो रहे हैं. जिसे मेडिकल टर्म में ''NOMOPHOBIA' कहा जाता है.

स्मार्टफोन की इस लत का शिकार सिर्फ बड़े ही नहीं है, बल्कि 10 साल के बच्चे भी इसकी चपेट में हैं. जिससे कई तरह की मानसिक और शारिरीक बीमारियां हो रही हैं.

NOMOPHOBIA की बीमारी

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स्मार्टफोन की लत के विषय में जानकारी देते हुए मनोचिकित्सक डॉ. निशा सिंघला ने बताया कि ये नशे की लत के समान है. जिस तरह नशे का आदी व्यक्ति को समय-समय पर नशे की खुराक चाहिए होती है. उसी तरह स्मार्टफोन की लत वाला व्यक्ति भी अपने फोन से ज्यादा देर तक दूर नहीं रह पाता. ऐसे लोगों को समय समय पर अपना फोन देखने की आदत होती है.

डॉ. सिंघला के मुताबिक उनके पास अबतक कई ऐसे मरीज आ चुके हैं जो अपने मोबाइल की लत से परेशान हैं. इस तरह के मरीजों को डॉ. सिंघला मोबाइल से ज्यादा दूर रहने की सलाह देती हैं, यानी वो मोबाइल का कम इस्तेमाल करें. ऐसे लोगों को मोबाइल के इस्तेमाल का समय निर्धारित करना चाहिए. वहीं जहां तक हो सके रात को सोते समय फोन को पुरी तरह स्विच ऑफ करके सोना चाहिए.

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स्मार्टफोन की लत के लक्षण

  • अपने स्मार्टफोन को बार-बार चेक करते रहना.
  • स्मार्टफोन के दूर होने पर बेचैन व परेशान होना.
  • आधी रात को उठकर स्मार्टफोन को चेक करना.
  • परिवार या दोस्तों के बीच होने के बावजूद फोन पर व्यस्त रहना.

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