उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

अस्पताल नहीं जा रहे मलिन बस्तियों के बीमार लोग, भयावह हो सकता है नतीजा - Government Spokesperson Subodh Uniyal

कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या बेहद ज्यादा होने पर सरकार ने होम क्वारंटाइन की व्यवस्था तो लागू की लेकिन लोगों के डर और सामाजिक गलतफहमी के चलते यह व्यवस्था कोरोना संक्रमण को विस्तार देने में जाने-अनजाने मददगार साबित हुई है. ऐसा खास तौर पर मलिन बस्तियों और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के बीच देखा जा रहा है.

Government of Uttarakhand
Government of Uttarakhand

By

Published : May 25, 2021, 4:51 PM IST

Updated : May 25, 2021, 6:54 PM IST

देहरादून: देश में होम आइसोलेशन की व्यवस्था यूं तो मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण की गई थी, लेकिन आम लोगों की लापरवाही और स्वास्थ्य विभाग के कमजोर मॉनिटरिंग सिस्टम के कारण यह व्यवस्था संक्रमण के प्रसार की वजह बन गई. ऐसा उन मलिन बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के साथ हुआ, जो कोरोना संक्रमण से न केवल बेहद ज्यादा डरे हुए थे, बल्कि इस बीमारी के कारण सामाजिक छुआछूत जैसी भावना का सामना करने से भी बचना चाहते थे. इसी का नतीजा रहा कि यहां पर रहने वाले लोगों ने कोरोना संक्रमण के लक्षणों के आने के बाद भी आरटी पीसीआर टेस्ट करवाना मुनासिब नहीं समझा.

मलिन बस्तियों में लोग बीमार लेकिन नहीं जा रहे अस्पताल.

उधर, कोविड केयर सेंटर में मरीजों को हो रही परेशानी और अव्यवस्थाओं की सोशल मीडिया पर आ रही रिपोर्ट से सभी लोग डरे हुए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों ने घर में रहकर खुद से ही संक्रमण जैसे लक्षणों के होने के बावजूद इसका इलाज किया, जबकि अभी इन मलिन बस्तियों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो बुखार जुकाम या बदन दर्द जैसे लक्षणों से पीड़ित हैं. लेकिन वह अभी घरों में ही रह कर कुछ दवाइयों के जरिए अपना इलाज कर रहे हैं.

दूसरी, तरफ बड़ी समस्या यह भी है कि जिन लोगों में संक्रमण पाया भी गया है, वह भी कोविड केयर सेंटर में अव्यवस्थाओं और अस्पतालों में मर रहे लोगों की रिपोर्ट से डरकर घर पर ही रह रहे हैं. हालांकि, होम आइसोलेशन के लिए संक्रमित व्यक्ति को लेकर एक प्रोटोकॉल निर्धारित किया गया है. कुछ लोग उस प्रोटोकॉल को फॉलो किए बिना अपने परिवार के साथ ही कुछ एक सावधानी के साथ रहने को मजबूर हैं. बड़ी बात यह भी है कि इन बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ियों में स्वास्थ्य विभाग की टीम जाने की जहमत ही नहीं उठा रही है. इस कारण से ऐसे लक्षणों वाले लोगों की ना तो पहचान हो पा रही है और ना ही ऐसे लोगों को जागरूक ही किया जा रहा है.

पढ़ें- उषा ब्रेको को 30 साल के लिए रोपवे के जिम्मे पर बवाल, हरीश रावत को आया ये सपना

मलिन बस्तियों में रहती है करीब ढाई लाख की आबादी

बता दें, उत्तराखंड में 582 मलिन बस्तियां हैं. इनमें से अकेले देहरादून में ही 129 ऐसी बस्तियां हैं, जहां पर करीब 40 हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं. लोगों की संख्या के लिहाज से देखें तो इसमें करीब ढाई लाख की आबादी रहती है. इस लिहाज से समझा जा सकता है कि यहां पर संक्रमण की कितनी बड़ी संभावना है. साथ ही इतने बड़े क्षेत्र और आबादी की मॉनिटरिंग करना भी मुश्किल है.

पढ़ें- 12 साल बाद 'पिंजरे' में कैद हुआ कुख्यात शिकारी तोताराम, जानें पूरी कहानी

डीएल रोड की मलिन बस्ती में कोरोना से 25 से ज्यादा की मौत

अब हम केवल वार्ड नंबर-13 डीएल रोड की मलिन बस्ती को ही देखते हैं तो यहां पर कोरोना के चलते अब तक 25 से 30 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी ऐसे कई लोग हैं जो अस्पतालों में भर्ती हैं. इन स्थितियों के कारण मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों में बेहद ज्यादा डर है और अब बड़ी संख्या में लोग घरों में बीमार होने के बावजूद अस्पतालों का रुख नहीं कर रहे हैं.

क्या कहते हैं सरकारी प्रवक्ता ?

इस मामले पर उत्तराखंड के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक आम लोगों को खुद इस बात को समझना होगा कि उन्हें संक्रमण को लेकर थोड़ा जागरूक रहना है. सरकार सभी बस्तियों में सभी लोगों तक नहीं पहुंच सकती. ऐसे में लोगों को भी बाहर आकर कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार का साथ देना होगा.

मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य कैंप लगाने की मांग

उत्तराखंड की विभिन्न बस्तियों के नियमितीकरण को लेकर बनाई गई समिति के अध्यक्ष रहे पूर्व कांग्रेसी विधायक राजकुमार कहते हैं कि इन बस्तियों में स्वास्थ्य को लेकर कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. मुख्यमंत्री से मिलकर उन्होंने खुद इन बस्तियों में स्वास्थ्य कर्मियों के कैंप लगाने की गुजारिश की थी. लेकिन सरकार की बेरुखी के कारण बस्ती में रहने वाले लोग आज न केवल संक्रमण की जद में फंसे हुए हैं, बल्कि इलाज के लिए और कोई रास्ता भी नजर नहीं आ रहा है.

Last Updated : May 25, 2021, 6:54 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details