देहरादून:पहाड़ी नदियां जब बारिश की वजह से उफान पर आती हैं तो सबकुछ तबाह करने की ताकत रखती हैं. बड़े-बड़े पहाड़ भी नदियों की रफ्तार के आगे रास्ता छोड़ देते हैं. पहाड़ी इलाका होने की वजह से भूस्खलन होने का भी खतरा बना रहता है. आपदा से निपटने के लिए 15वीं वाहिनी एनडीआरएफ की छह टीमों को गढ़वाल, कुमाऊं में तैनात किया गया है. ये टीमें आपदा के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी. प्रत्येक टीम में 35 सदस्य शामिल रहेंगे. इसके साथ ही उत्तराखंड में तुरंत बचाव और राहत कार्यों के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं.
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. वो अधिकारियों से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं. सीएम का कहना है कि हमारे प्रदेश के अंदर आपदाएं आती हैं जिससे काफी नुकसान होता है. इसी को देखते हुए मद्देनजर सरकार काफी सजग है. वहीं, राज्य आपदा परिचालन केंद्र के हवाले से कमांडेंट सुदेश कुमार दराल ने बताया कि प्रदेश में मॉनसून सीजन के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए अति संवेदनशील एवं संवेदनशील क्षेत्रों में छह टीमों को लगाया है. यह टीमें अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं आरआरसी झाझरा (देहरादून) में अपने आधुनिक उपकरणों के साथ तैनात हैं.