ऋषिकेश:उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही समय शेष रह गया है. ऐसे में विधानसभा चुनाव 2022 में ऋषिकेश सीट से बीजेपी के टिकट के दावेदारों की सूची भी काफी लंबी है. ऐसे में कई दिग्गज इस विधानसभा सीट में जोर आजमाइश करना चाहते हैं. ऋषिकेश में एक या दो नहीं बल्कि 6 लोग टिकट की दावेदारी कर रहे. ऐसे में देखते हैं क्या कहता है इन दावेदारों का रिपोर्ट कार्ड.
ऋषिकेश विधानसभा सीट से बीजेपी के दावेदारों में जो सबसे पहले नाम आता है, वो हैं वर्तमान विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से जो पिछले तीन बार से ऋषिकेश के विधायक चुने जा रहे हैं. हर बार विधानसभा चुनाव में इनकी जीत का अंतर बढ़ता ही गया है. प्रेमचंद अग्रवाल पहली बार विधानसभा ऋषिकेश से विधायक का चुनाव लड़े. जिसके बाद वह एक के बाद एक लगातार तीन बार ऋषिकेश के विधायक बने.
BJP के 6 दिग्गज ऋषिकेश से विधायक के दावेदार. वहीं, तीसरी बार विधायक बनने के बाद उनको विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया. इतना ही नहीं प्रेमचंद अग्रवाल छात्र राजनीति के समय से ही भाजपा से जुड़े हुए हैं, विधायक बनने से पहले भी वे कई अहम पदों पर रह चुके हैं. संघ में भी इनके परिवार की अच्छी पकड़ बताई जाती है. लगातार तीन बार विधायक जीतना के साथ-साथ कई सारे समीकरण प्रेमचंद अग्रवाल को चौथी बार ऋषिकेश से विधायक प्रत्याशी बनाने की ओर इशारा करते हैं. ऐसे में प्रेमचंद अग्रवाल इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी से विधायक के टिकट की दावेदारी करने वालों में दूसरा नाम आता है ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं का. जो वर्तमान में ऋषिकेश नगर निगम की महापौर हैं. पहली बार ही अनीता को किसी बड़े चुनाव के लिए भाजपा ने टिकट दिया. जिस पर वह खरी उतरी और ऋषिकेश की महापौर चुनी गई. उनकी जीत का अंतर भी काफी बड़ा रहा है.
अनीता ममगाई को भाजपा संगठन मंडल अध्यक्ष से लेकर कई अहम पदों की जिम्मेदारी दे चुकी है. सभी कसौटियों पर खरा उतरने के बाद उनको ऋषिकेश के मेयर का टिकट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की. वहीं, चुनाव जीतने के बाद अनीता लगातार क्षेत्र में सक्रियता से काम कर रही हैं. उनके कार्यों में सबसे बड़ी उपलब्धि ऋषिकेश ट्रंचिंग ग्राउंड को शिफ्ट करने का हासिल हुई है. इसके साथ ही अनीता ने क्षेत्र में कई बड़े-बड़े कार्य कर अपना लोहा मनवा दिया है. इसलिए विधायक की दौड़ में दूसरा सबसे बड़ा नाम अनीता ममगाईं का सामने आ रहा है.
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वहीं, ऋषिकेश विधानसभा सीट पर अपनी किस्मत को आजमाने के लिए बेताब दिख रहे भगतराम कोठारी भी इस दौड़ में शामिल हैं. भगतराम कोठारी ने अपनी दावेदारी भी पार्टी के सामने ठोक दी है. भगतराम कोठारी वर्तमान भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनको राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद भगतराम कोठारी ने सरकार के द्वारा मिलने वाली सभी सुख-सुविधाओं को त्याग दिया था और किसी भी तरह का सरकारी लाभ वह नहीं ले रहे थे. इस खबर की चर्चा पूरे उत्तराखंड में थी और भगत राम की इस बात को लेकर काफी वाहवाही भी हुई.
भगतराम कोठारी भाजपा में जुड़ने के बाद से ही तन मन और धन से पार्टी की सेवा में जुटे हुए हैं. महापौर के चुनाव में भी उनकी पत्नी ने टिकट की दावेदारी की थी हालांकि, उनको टिकट नहीं मिल पाया था लेकिन इस बार विधानसभा के चुनाव में भी खुद भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. बताया जाता है कि भगतराम कोठारी की पकड़ भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं में अच्छी है. यही कारण है कि भगतराम कोठारी भी ऋषिकेश की सीट से विधायक प्रत्याशी के दौड़ में शामिल हैं.
एक नाम और है जो काफी तेजी से चर्चाओं में आया है. वह है युवा नेता संजीव चौहान का. संजीव चौहान वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं. उत्तराखण्ड में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में सबसे अधिक मतों से विजयी होने का रिकॉर्ड भी संजीव के नाम है. संजीव वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य होने के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यालय प्रभारी भी हैं. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के युवा वोटरों में संजीव की अच्छी पकड़ बताई जाती है. स्पोर्ट्स के क्षेत्र में उनकी भागीदारी युवाओं को अपनी और आकर्षित करती है.
संजीव चौहान के पास युवाओं की एक बड़ी टीम है. जो उनके एक इशारे पर रात दिन एक कर उनके लिए कार्य करने में जुट जाती है. शहर से लेकर गांव तक संजीव की सक्रियता ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपनी ओर आकर्षित किया है. इतना ही नहीं संजीव चौहान पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के काफी करीबी माने जाते हैं. एक समीकरण और है जो उनको टिकट का प्रबल दावेदार बना रहा है. वह है सैनिक पृष्ठभूमि. जिस तरह से भाजपा पूर्व सैनिकों को महत्त्व दे रही है. उससे संजीव चौहान टिकट के प्रबल दावेदारी माने जा रहे हैं.
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वहीं, विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से एक ओर नाम है संदीप गुप्ता का. जो पिछले कई वर्षों से ऋषिकेश में राजनीति करते आ रहे हैं. उनकी पकड़ ऋषिकेश के व्यापारियों में अच्छी बताई जाती है. संदीप गुप्ता पूर्व में राज्यमत्री रह चुके हैं. इसके साथ ही उन्हें पार्टी के कई उच्च पदों की जिम्मेदारी भी मिल चुकी है. संदीप गुप्ता को भारतीय जनता पार्टी की ओर से 2002 में ऋषिकेश से विधायक प्रत्याशी बनाया गया था लेकिन उनको उस समय हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद संदीप गुप्ता ने कई बार टिकट की दावेदारी की लेकिन उनको टिकट नहीं मिल पाया, अंततः उन्होंने पार्टी से बगावत करते हुए 2017 में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा.
अब एक बार फिर संजीव गुप्ता विधानसभा ऋषिकेश की सीट पर विधायक की टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. संदीप गुप्ता वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के काफी करीबी हैं. इसलिए भी उनको टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
वहीं, ऋषिकेश विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी करने वालों में कृष्ण कुमार सिंघल भी शामिल हैं. कृष्ण कुमार सिंघल RSS से जुड़े हुए हैं. उनको भी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यमंत्री बनाया था. कृष्ण कुमार सिंघल पूर्व में ऋषिकेश से पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके हैं हालांकि उनको जीत हासिल नहीं हुई थी. उसके बाद से वह लगातार पार्टी की राजनीति करते आ रहे हैं. अब वह ऋषिकेश विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.
बहरहाल, भाजपा आलाकमान किसकी दावेदारी पर अपनी मुहर लगाता है, जो तो आने वाले समय में साफ हो जाएगा. हालांकि, पार्टी के अंदर इन सभी दिग्गजों की दावेदारी ने पार्टी के लिए जरूर मुश्किलें बढ़ा दी है. अब देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी किस नेता पर अपना दाव खेलती है.