देहरादून:उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सामने रोज नई-नई मुश्किलें आ रही हैं. ऐसे में अब अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने एसआईटी को समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक के खिलाफ चल रही जांच पर एक हफ्ते के लिए रोक लगाने को कहा है. आरोपी संयुक्त निदेशक ने इस मामले में आयोग से शिकायत करते हुए एसआईटी के अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है.
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जानकारी के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि हरिद्वार एसआईटी टीम के सर्किल ऑफिसर आयुष अग्रवाल जांच के नाम पर उन्हें परेशान कर रहे है. इसके अलावा उनका आरोप था कि एसआईटी उन्हें जबरन गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है.
जिसके बाद आयोग में शासन सहित उत्तराखंड डीजीपी व हरिद्वार एसएसपी को पत्र लिखकर संयुक्त निदेशक के खिलाफ चल रही जांच को एक सप्ताह तक रोकने का आदेश दिया है. साथ ही आयोग ने इस मामले से जुड़ी सभी जानकारियां और साक्ष्य सबूतों के साथ एक सप्ताह के अंदर आयोग के सामने पेश करने के लिए कहा है.
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बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को विवेचना के दौरान पता चला कि संयुक्त निदेशक ने अपने परिजनों की आड़ में छात्रवृत्ति घोटाले की बंदरबांट की. मामले के उजगार होने बाद सभी के खिलाफ एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया था.
इस मामले में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि फिलहाल उन्हें आयोग से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है. जांच किसी भी रूप में प्रभावित नहीं की जा सकती. डीजी अशोक कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शासन और हाई कोर्ट के आदेश पर चल रही है. ऐसे में इस घोटाले के दायरे में आने वाला कोई भी शख्स एसआईटी की पड़ताल में बच नहीं सकेगा. जांच विवेचना निष्पक्ष और कानून के दायरे में हो रही है. ऐसे में आरोपी चाहे जितना भी बचने का प्रयास करें, लेकिन उसे किसी भी हाल में बख्श नहीं जाएगा.