देहरादूनः उत्तराखंड के बहुचर्चित सिडकुल घोटाले जांच से जुड़ी 300 से ज्यादा फाइलों में से 29 फाइलों की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है. साल 2012-13 के दौरान 7 जिलों से संबंधित रखने वाली इन फाइलों में भारी अनियमितता और गड़बड़झाला होने की जानकारी सामने आई है. एसआईटी अब इन 29 फाइलों की जांच रिपोर्ट प्वाइंट आउट कर शासन को भेजेगी. जिसे लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है. वहीं, इन फाइलों को लेकर सिडकुल संबंधित अधिकारियों को अंतिम बार सफाई देने का मौका भी दिया जा है.
बता दें कि यह जांच बीते लंबित चल रही थी. ऐसे में बीते 30 जून 2020 को आईपीएस अभिनव कुमार ने आईजी गढ़वाल रेंज का चार्ज संभाला. जिसके बाद उन्होंने डेढ़ महीने के भीतर अपनी एसआईटी जांच टीम की मदद से 29 फाइलों की जांच पूरी कर ली है. इतना ही नहीं आईजी अभिनव कुमार ने 7 जिलों में चलने वाली अपनी एसआईटी जांच टीम को आगामी मार्च 2021 तक पूरे घोटाले से जुड़ी 300 से ज्यादा फाइलों के जांच पूरा करने का टास्क दिया हुआ है.
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आईजी गढ़वाल अभिनय कुमार के नेतृत्व में चल रही सिडकुल घोटाले जांच की शनिवार को समीक्षा की गई. जिसमें से 29 फाइलों की जांच पूरी होने की आधिकारिक जानकारी सामने आई है. आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार के मुताबिक साल 2012-13 के घोटाले से जुड़ी 29 फाइलों की जांच में भारी अनियमितताएं और गड़बड़ी पाई गई है. जो इस प्रकार है.
- अधिकार ना होने के बावजूद निचले अधिकारी की ओर से सिडकुल के बड़े निर्माण कार्यों के टेंडरों की स्वीकृति दी गई. यानी जितनी धनराशि का स्वीकृति देने का अधिकार था, उससे ज्यादा धनराशि का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया.
- सिडकुल निर्माण की कुछेक फाइलों में एमओयू को लेकर अनिमिताएं पाई गई है. यानी जिस काम में एमओयू में दो पक्षों के हस्ताक्षर होने थे, उसमें एक ही हस्ताक्षर है और जिसके हस्ताक्षर हैं, उसे नियमानुसार वो अधिकार नहीं है.
- सिडकुल निर्माण घोटालें से जुड़ी कई फाइलों में मेजरमेंट को लेकर SIT जांच में गड़बड़ी पाई गई है. यानी कुछ निर्माण कार्यों का मेजरमेंट या तो है ही नहीं, जिसके हैं तो उसका रखरखाव सही से नहीं रखा गया है.
- सिडकुल निर्माण कार्य के कुछ जांच फाइलों में गुणवत्ता को लेकर गड़बड़ी सामने आई है. यानी निर्माण कार्य में गुणवत्ता को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ भी फाइलों में अंकित नहीं किया गया है.
- सिडकुल निर्माण की कुछेक जांच फाइलों में अभी तक हैंडओवर और टेकओवर की कोई कार्रवाई पूरी नहीं की गई है.
- सिडकुल निर्माण घोटाले की कुछ फाइलों में तय सीमा से कई अधिक समय लेकर विलंब से कार्य किया गया है. यानी विलंब कार्य को आगे हस्तांतरण करते समय नियमानुसार किसी तरह की कोई पेनल्टी जो लगनी थी. वो नहीं लगाई गई है.
इन जिलों की इतने फाइलों की जांच हुई पूरी-
- देहरादून- 7
- हरिद्वार- 3
- उधम सिंह नगर -6
- पौड़ी- 8
- नैनीताल -2
- अल्मोड़ा- 1
- पिथौरागढ़-2