देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल घोटाले (State Industrial Development Corporation Uttarakhand Ltd) में लिप्त अधिकारियों का नाम जल्द ही बाहर आने वाला है. क्योंकि एसआईटी ने सिडकुल घोटाले की जांच पूरी कर ली है. जल्द ही एसआईटी की तरफ जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल घोटाले (SIDCUL scam) की जांच पर डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल ने बताया कि सिडकुल घोटाले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. इस जांच में लगे एसआईटी के अधिकारियों की डयूटी हरिद्वार कांवड़ मेले में लगी हुई है. कांवड़ मेला खत्म होने के बाद जैसे ही एसआईटी के अधिकारी वापस लौटेंगे तो रिपोर्ट तैयारी करेंगे और उसे शासन को भेजा जाएगा.
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डीआईजी गढ़वाल ने बताया कि सिडकुल घोटाले मामले में एसआईटी को करीब 224 फाइलों की जांच करनी थी, जिसमें में कई अनियमितये सामने आई हैं. इन अनियमितताओं को लेकर विभाग से भी रिपोर्ट आ गयी हैं, जिसको जल्द कांवड़ यात्रा के बाद शासन को भेजा जायेगा.
सिडकुल घोटाले की जांच पूरी क्या है सिडकुल घोटाला: बता दें कि साल 2012 से 2017 के बीच सिडकुल की ओर से उत्तराखंड के अलग-अलग जनपदों में निर्माण कार्य कराए गए थे. इनमें मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए गए थे. इन्हीं निर्माण कार्यो के दौरान ऑडिट कराए जाने पर काफी अनियमितता सामने आई थी.
सरकारी धन के दुरुपयोग करने से लेकर करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया. इतना ही नहीं सिडकुल में वेतन निर्धारण और अलग-अलग पदों में भर्ती संबंधी मामले में भी कई तरह की अनियमितता पाई गई. इस मामले में साल 2017 में शासन के आदेश पर गढ़वाल रेंज के डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी.
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डीआईजी गढ़वाल करण सिंग नगन्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 पत्रावलियां बाकी रह गईं थीं, जिसमें विद्युत विभाग और पीडब्ल्यूडी की आपत्तियों का निराकरण हो गया, लेकिन वर्तमान में कांवड़ यात्रा चल रही है, लिहाजा सभी जांच अधिकारी सब की ड्यूटी हरिद्वार कांवड़ में लगी हुई है.
कांवड़ यात्रा खत्म होने के बाद सभी जांच रिपोर्ट आ जाएगी. हमारे द्वारा जितने भी रिपोर्ट मांगी गई थी, सभी रिपोर्ट हमें मिल चुकी है. उसी के अनुसार ही हम यह रिपोर्ट आगे प्रेषित करेंगे. साथ ही बताया कि 27 जुलाई तक कांवड़ यात्रा खत्म हो जाएगी, उसके बाद फाइनल आख्या बनाने के बाद तीन-चार दिन में शासन में भेज देंगे.