रायपुर: भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. 16 कलाओं से युक्त भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी पूरे विश्व में हैं. हर रूप में कृष्ण ने समाज को अलग दर्शन दिया है. हम भी उनके तमाम रूपों की पूजा कर आनंदित होते हैं.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है. इस पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि को भक्त पूजते हैं. जन्माष्टमी पर कृष्ण भक्त रात बारह बजे तक व्रत रखते हैं. इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती हैं और कान्हा को झूला झुलाया जाता है. कई जगह रासलीला का आयोजन होता है.
- भाद्र पक्ष की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस बार कृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र में है.
- जो लोग भगवान कृष्ण के पूजा अर्चना करना चाहते हैं, उनके लिए सही तरीका यह है कि वह सुबह उठे और स्नान करके उपवास का संकल्प लें. कृष्ण मंदिर जाकर पूजा करें.
- जो लोग उपवास रखना चाहते हैं तो दो तरीकों से निर्जला या फलाहार कर उपवास रख सकते हैं.
रात 12 बजे तक व्रत का पालन करें-
- भगवान कृष्ण चंद्रवंशी माने जाते हैं उनके जन्म के समय चंद्रमा को अर्क दिया जाता है. भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के बाद अगले दिन सुबह जब नक्षत्र पूर्ण हो जाता है, तिथि पूर्ण हो जाती है उस समय तक व्रत का पालन किया जाता है.
- इस बार नक्षत्र सुबह 4:15 में पूर्ण हो जाएगा. उसके बाद स्नान करने के बाद कृष्ण की पूजा करने के बाद अपना व्रत खोल सकते हैं.