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कोरोना आफत: उत्तराखंड में नहीं मिल रही गर्भ निरोधक गोलियां, लॉकडाउन के दौरान बढ़ सकती है जनसंख्या - कोरोना संकट

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून सिविल जज नेहा कुशवाहा ने झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं को राशन वितरण के दौरान उनकी परेशानी संबंधी सर्वे कराया था. जिसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आए.

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उत्तराखंड में नहीं मिल रही गर्भनिरोधक गोलियां

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Published : May 5, 2020, 8:23 PM IST

Updated : May 5, 2020, 9:20 PM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देश की जनता को बचाने के लिए देशव्यापी लॉगडाउन लागू है. हालांकि एक तरफ जहां देशभर में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन के बीच महिलाओं को गर्भ निरोधक गोलियां न मिल पाने जैसा मामला सामने आया है.

पत्र

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून सिविल जज नेहा कुशवाहा ने झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं को राशन वितरण के दौरान उनकी परेशानी संबंधी सर्वे कराया था. जिसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आए.

जिला विधिक प्राधिकरण में सिविल जज नेहा कुशवाहा ने बताया कि जब वो मलिन बस्तियों, ग्रामीण इलाकों और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं को राशन वितरण करवा रही थी, उस दौरान महिलाओं से संबंधित समस्याओं की भी जानकारी ली. जिससे पता चला कि उन्हें गर्भ निरोधक गोलियां नहीं मिल पा रही है.

मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल जज नेहा कुशवाहा ने उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजा है. उन्होंने पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय को अवगत कराया है कि महिलाओं को गर्भ निरोधक गोलियां न मिल पाने के चलते जनसंख्या तेजी से बढ़ सकती है.

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उन्होंने बताया कि वह मलिन बस्तियों और ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्रों में राशन बांटने गए तो उनसे भी गर्भनिरोधक गोलियां उपलब्ध होने के संबंध में जानकारी हासिल की. ऐसे में अब गर्भ निरोधक गोली न मिल पाने के चलते अब उन महिलाओं को डर सता रहा है.

Last Updated : May 5, 2020, 9:20 PM IST

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