देहरादून:कैंट क्षेत्र के प्रेमनगर बाजार में लगभग 80 साल पुरानी प्रतिष्ठित मिठाई की दुकान कालरा स्वीट्स के कुछ हिस्से को कैंट बोर्ड द्वारा शुक्रवार को सील कर दिया गया. जिसकी वजह मानक ऊंचाई 30 फीट से अधिक ऊंचा कंस्ट्रक्शन बनाना है. लेकिन मामले में दो बातें बेहद ही चौंकाने वाली सामन आई है, जो विभाग के कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाती हैं.
पहला यह कि पिछले 80 सालों में बिना नक्शा पास कराए ही दुकान चल रहा था तो अधिकारी इतने दिन कहां थे? दूसरा फरवरी में आग लगने के बाद इसे 50 से 55 फीट ऊंचा बना दिया गया था. इस दौरान अवैध निर्माण होता रहा और विकास प्राधिकरण के अधिकारी चीर निंद्रा में सो रहे थे. बता दें कि कैंट क्षेत्र होने के कारण यह एरिया काफी संवेदनशील है. यहां 30 फीट से ज्यादा ऊंची बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो सकता है. क्योंकि सेना के कॉम्बिंग के लिहाज से यह क्षेत्र काफी संवेदनशील है.
मिठाई दुकान पर कैंट बोर्ड की कार्रवाई 13 अगस्त को भारी पुलिस फोर्स और सेना के सहयोग से कैंट बोर्ड ने जिस मिठाई की दुकान के बेसमेंट और 30 फिट से ऊपर के अवैध निर्माण दो मंजिलों को सील कर किया था, जो कैंट बोर्ड वैधानिक नियमों अनुसार पूरी तरह अनाधिकृत बताया जा रहा हैं. बता दें कि कैंट क्षेत्र में 30 फीट से अधिक की ऊंचाई में भवन निर्माण करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
जानकारी मुताबिक सैनिक बाहुल्य क्षेत्र में सुरक्षा नियमों के कारण मानक से अधिक ऊंचाई का निर्माण कराना गैरकानूनी है, लेकिन कैंट बोर्ड से बिना नक्शा पास कराए और नियम-कायदों को ताकपर रखकर प्रेमनगर बाजार स्थित इस मिठाई की दुकान संचालक द्वारा प्रतिबंधित बेसमेंट सहित 4 मंजिला इमारत खड़ी की गई है.
हालांकि, आरोपित मिठाई दुकान संचालक द्वारा किसी भी नियम उल्लंघन के आरोप को सिरे से खारिज किया है. दुकान स्वामी के मुताबिक बीते फरवरी माह में उनकी दुकान में भीषण आग लगी थी, जिसके चलते भवन गिरने की दशा में आ गया था. इसी के चलते कैंट बोर्ड से पत्राचार कर पुराने नक्शे के आधार पर ही बोर्ड के तय मानक ऊंचाई अनुसार ही दुकान का नए सिरे से निर्माण किया गया है.
ये भी पढ़ें:देहरादून के कालरा स्वीट शॉप का भवन सील, विरोध में उतरे व्यापारी
ईटीवी भारत से मिठाई दुकान संचालक ने कहा कि उन्होंने किसी तरह से कैंट बोर्ड नियमों का उल्लंघन नहीं किया है. फरवरी में आग लगने की घटना से न सिर्फ उनका भवन गिरने की हालत में आ गया. बल्कि उनके पुराने सभी तरह के दस्तावेज भी नष्ट हो गए हैं. हालांकि कुछ दस्तावेज के आधार पर उन्होंने पहले से नक्शे के आधार पर ही निर्माण कार्य कराया है.
वहीं, मामलें में व्यापार मंडल पदाधिकारियों की माने तो पिछले 1 साल से चुनाव न होने की वजह से कैंट बोर्ड भंग है. जिसकी वजह से किसी तरह के निर्माण वाले नक्शे लोगों के पास नहीं है. यही वजह है कि मामले में बोर्ड द्वारा सील की कार्रवाई की गई हैं.
बहरहाल जिस तरह से प्रेम नगर बाजार स्थित एक दुकान पर बिना नक्शा पास किए और मानकों का उल्लंघन कर निर्माण कार्य का मामला सामने आया है. वह कैंट बोर्ड के ऊपर भी कई तरह के गंभीर सवाल खड़े करता है. लोगों का कहना है कि जब बिना नक्शे का प्रतिबंधित भवन का निर्माण हो रहा था, तो कैंट बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी किस गहरी निंद्रा में थे. आखिर एक दिन में चार मंजिला भवन निर्माण नहीं हुआ है. ऐसे में बोर्ड अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है.