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नये साल के जश्न के लिए ढूंढ रहे हैं परफेक्ट डेस्टिनेशन, चले आइये शीतलाखेत, खास है ये अनएक्सप्लोर्ड टूरिस्ट स्पॉट

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 11, 2023, 1:13 PM IST

Almora Shitalakhet Tourist Spot नये साल के जश्न के लिए अल्मोड़ा का शीतलाखेत परफेक्ट डेस्टिनेशन है. शीतलाखेत अभी तक अनएक्सप्लोर्ड टूरिस्ट स्पॉट है. इसके कारण यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट को शांति, सुकून के साथ ही आध्यात्मिक एनर्जी भी मिलती है. यहां से हिमालय की चोटियों का 360 डिग्री व्यू भी पर्यटक देख सकते हैं.

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चले आइये शीतलाखेत

देहरादून: कुछ ही दिनों में नया साल आने वाला है. ऐसे में पर्यटकों ने पहाड़ों पर जाने की प्लानिंग अभी से शुरू कर ली है. नये साल के जश्न के लिए अक्सर पर्यटक उत्तराखंड, हिमाचल का रुख करते हैं. जहां पर्यटक सर्दियों में बर्फबारी के साथ ही ठंड का आनंद लेते हैं. इन जगहों में शिमला, मनाली, मसूरी, नैनीताल प्रमुख हैं. अक्सर सभी पर्यटक इन्हीं पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर नये साल का जश्न मनाते हैं. जिसके कारण यहां काफी भीड़ भाड़ होती है. जिससे टूरिस्ट यहां अपना क्वालिटी टाइम नहीं बिता पाते हैं. ऐसे में आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे अनएक्सप्लोर्ड टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आपको बर्फ के साथ सुकून और शांति भी मिलेगी. इस अनएक्सप्लोर्ड टूरिस्ट स्पॉट का नाम शीतलाखेत है.

उत्तराखंड का शीतलाखेत अद्भुत टूरिस्ट प्लेस है

शीतलाखेत अल्मोड़ा जिले में स्थित है. शीतलाखेत डेंस फॉरेस्ट के लिए जाना जाता है. ये इलाका 1800 हेक्टेयर वन क्षेत्र से घिरा है. शीतलाखेत कुमाऊं रीजन के फॉरेस्ट एरिया का अहम हिस्सा है. इसके साथ ही शीतलाखेत अपनी खूबसूरती, प्राकृतिक विविधता के लिए फेमस है. शीतलाखेत पक्षी प्रमियों के लिए भी खास है. यहां के डेंस फॉरेस्ट में बर्ड वॉचिंग समय बिताने का सबसे अच्छा जरिया है. यहां कई प्रकार की पक्षियों की प्रजाति पाई जाती हैं. हरे, भरे जंगल, फलों के बगीचों से भरा शीतलाखेत जादुई प्राकृतिक दृश्य का एहसास करता है. बताया जाता है कि शीतलाखेत 20वीं शताब्दी में बसाया गया था. माना जाता है कि यह स्थान कभी हैड़ाखंडी महाराज की तपस्थली था.

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शीतलाखेत के आस पास कई छोटे बड़े शानदार नजारे हैं. यहां से हिमालय की श्रृंखलाओं का 360 डिग्री व्यू मिलता है. जिसके कारण शीतलाखेत की मनमोहक वादियां टूरिस्ट के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हैं. यहां की फिजाओं में फैली शांति, चिड़ियों की चहचहाहट, जंगली जानवरों की चहलकदमी, पर्यटक बड़ी ही आसानी से फील कर सकते हैं. शीतलाखेत अपने नाम की तरह की शीतलता का एहसास करता है. सीजन में जहां दूसरे टूरिस्ट स्पॉट कोलाहल से भरे होते हैं, वहीं इस समय में शीतलाखेत पहुंचे पर्यटक शांति और सुकून का आनंद ले रहे होते हैं.

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शीतलाखेत के पास कई मंदिर भी हैं. बताया जाता है कि ये मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाये गये हैं. इन मंदिरों में शाही देवी मंदिर सबसे ऐतिहासिक है. यहां गणेश जी की ऐतिहासिक मूर्ति है, जो 12वीं शताब्दी में रखी गई थी. शीतलाखेत अल्मोड़ा से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. शीतलाखेत, रानीखेत, कौसानी, बिनसर, जागेश्वर, नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों के महज दो घंटे की दूरी पर है. यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल, होमस्टे आदि की समुचित व्यवस्था है.

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शीतलाखेत रानीखेत से 30 किमी की दूरी पर है. सड़क, रेलवे मार्ग से जुड़ा होने के कारण टूरिस्ट को यहां पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होती. शीतलाखेत से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनरगर है. पंतनगर शीतलाखेत के 110 किमी की दूरी पर है. इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो यहां से 75 किमी की दूरी पर है. दिल्ली से शीतलाखेत पहुंचने में सड़क मार्ग से 8 से 10 घंटे लगते हैं. यहां पहुंचते हुए पर्यटक नैनीताल, भीमताल, रानीखेत जैसे हिल स्टेशन को पार कर यहां पहुंचते हैं.

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