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मसूरी में मनाया गया शहीदी दिवस, स्थानीय लोगों ने बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि - मसूरी समाचार

मसूरी में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देकर शहीदी दिवस मनाया गया. स्थानीय लोगों ने शहीद-ए-आजम चौक पर स्थानीय लोगों ने श्रद्धांजलि दी.

मसूरी में शहीदी दिवस

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Published : Mar 23, 2019, 8:49 PM IST

मसूरीः पूरे देश में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देकर शहीदी दिवस मनाया गया. इसी के तहत पहाड़ों की रानी मसूरी के शहीद-ए-आजम चौक पर स्थानीय लोगों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उनके बलिदान को याद किया. साथ ही शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान एक नाट्य संस्था ने देशभक्ति के गीतों के माध्यम से शहीदों के बलिदान को लोगों को रूबरू कराया.

जानकारी देते स्थानीय लोग.


गौर हो कि 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे. घटना के बाद भगत सिंह भागने के बजाय डटे रहे और खुद को अंग्रेजों के हवाले कर दिया. भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दिन पहले यानि 23 मार्च को उन्हें फांसी दे दी गई थी. इस दिन से इसे शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.


इसी के तहत शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के 89वीं शहीदी दिवस के मौके पर मसूरी में भारतीय जन नाट्य संघ ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. इप्टा के प्रदेश सचिव सतीश कुमार ने भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु के जीवन से सीख लेने की बात करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी शहीदों की शहादत को भूलती जा रही है. जो एक चिंता का विषय है. शहीदों की शहादत के बदौलत आज सभी आजाद देश में खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं. उनके बलिदान को सदा याद रखना चाहिए. वहीं, पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता कहा कि देश के हर नागरिक को शहीदों की शहादत को याद करना चाहिए.

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