उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

विधायक यौन शोषण मामला: पीड़िता के हलफनामे को पुलिस ने जांच में किया शामिल

विधायक महेशी नेगी यौन शोषण मामले में पीड़िता ने अपना बयान एफिडेविट पत्र से डीआईजी को प्रेषित किया गया है. वहीं, इस शपथ पत्र वाले बयान को डीआईजी के आदेश पर जांच टीम ने जांच में शामिल कर लिया है.

देहरादून
पीड़िता ने एफिडेविट बयान पत्र सौंपा

By

Published : Sep 13, 2020, 12:34 PM IST

Updated : Sep 13, 2020, 2:17 PM IST

देहरादून: बीजेपी विधायक महेश नेगी से जुड़े ब्लैकमेल और यौन शोषण मामले में सुलझने के बचाए दिनों-दिन उलझता जा रहा है. बीजेपी विधायक से जुड़े ब्लैकमेल व दुष्कर्म मामलें में पीड़ित महिला द्वारा पूर्व में वीडियो रिकॉर्ड बयान दर्ज कराने के बदले एफिडेविट द्वारा लिखित बयान देहरादून डीआईजी को प्रेषित किया गया है. वहीं, इस शपथ पत्र वाले बयान को डीआईजी के आदेश पर जांच टीम ने जांच में शामिल कर लिया है.

पीड़िता के हलफनामे को पुलिस ने जांच में किया शामिल

मामले की जांच में निष्पक्षता दिखेगी: डीआईजी

उधर मामले पर देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि उनका फोकस इस बात पर हैं कि यह जांच ना सिर्फ निष्पक्ष हो, बल्कि जांच में निष्पक्षता दिखाई भी देना चाहिए. डीआईजी जोशी ने कहा कि जिस पक्ष को भी यह आशंका है कि उनके बयान सही से रिकॉर्ड नहीं हो रहे हैं या फिर कहीं कोई कमी हैं, तो वह जांच अधिकारी के पास आकर अपने बयान को वीडियो रिकॉर्ड दर्ज करा सकता है.

पीड़िता के वकील का क्या है कहना

पीड़ित द्वारा जांच टीम को वीडियो रिकॉर्डिंग बयान न देने के संबंध में महिला के अधिवक्ता एसके सिंह ने कहा कि वीडियो रिकॉर्ड बयान से पुलिस छेड़छाड़ कर सकती है. इसी के चलते वीडियो रिकॉर्ड बयान देने से इनकार किया गया है. महिला के वकील यह भी कहा कि पीड़िता पूर्व में ही एफिडेविट पर लिखित रूप से दुष्कर्म मामले में बयान दिए जा चुके हैं. ऐसे में डीआईजी के आदेश मुताबिक एफिडेविट बयान को जांच अधिकारी द्वारा केस डायरी में सम्मिलित किया जा चुका है, तो फिर ऐसे में वीडियो रिकॉर्ड बयान लेने की क्या आवश्यकता है.

ये भी पढ़े:MLA महेश नेगी दुष्कर्म मामला: बयानों की वीडियोग्राफी कराने से पीड़िता ने किया इनकार

उधर दुष्कर्म पीड़िता महिला के वकील एसपी सिंह ने कहा कि वे मामले में सीबीआई जांच मांग को लेकर तैयारी कर रहे हैं. जल्द ही वह हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अपील भी करेंगी. अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि विधायक अपने राजनीतिक रसूख के चलते पहले दिन से ही गवाहों पर दबाव बनाने में जुटे हैं. इसी के चलते वह सीबीआई जांच मांग की तैयारी में जुटी हुई है.

वहीं डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि कोई भी पक्ष अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत किसी भी कानूनी प्रक्रिया को अपनाने के लिए स्वतंत्र है. लेकिन जहां तक बात पुलिस की जांच पड़ताल प्रक्रिया की है, उसमें किसी भी तरह का पक्षपात न हो इसके लिए पहले दिन से ही जांच अधिकारी को कड़े निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Sep 13, 2020, 2:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details