देहरादून: मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में महिला सशक्त्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई. बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन जनपदों में जन्म के समय लिंगानुपात में कमी देखी गयी है. उन जनपदों पर विशेष तौर पर नजर रखी जाए.
बैठक में बताया गया कि राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात वर्ष 2018-19 में 938 बालिका प्रति हजार बालक था जो अब बढ़कर 949 बालिका प्रति हजार बालक हो गया है. जन्म के समय लिंगानुपात की दृष्टि से उत्तराखंड देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल है, राज्य के 5 जनपद बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, देहरादून और उत्तरकाशी देश के टॉप 50 जनपदों में शामिल हैं. बताया गया कि चमोली, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में लिंगानुपात में गिरावट आयी है.
उन्होंने अधिकारियों के निर्देश दिए है कि मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (एमसीटीएस) में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए गर्भवती महिला की पहले, दूसरे और तीसरे महीने की जांच अवश्य कराई जाए. दूसरे महीने में जांच काफी महत्वपूर्ण होती है. इस दौरान गर्भपात होना और जांच न कराया जाना संदिग्ध होता है. यदि गर्भपात हुआ है तो इसके कारणों की भी जांच की जानी चाहिए.
पढ़ेंः मकर संक्रांति से शुरू होगी श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई, CM ने की सहयोग की अपील