देहरादून/पिथौरागढ़: उत्तराखंड में इस मॉनसून में सबसे ज्यादा नुकसान कुमाऊं क्षेत्र के पिथौरागढ़ जिले में हो रहा है. अभी 3 दिन पहले ही बरसात और भूस्खलन ने कई लोगों की जान ले ली थी. अब देर रात से हो रही लगातार बारिश के कारण एक बार फिर से पिथौरागढ़ के मुनस्यारी, बागपानी, मलकोट और जौलजीबी क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है.
पिथौरागढ़ में बादल फटने से तबाही. मूसलाधार बारिश से नदियों के उफान के कारण इस क्षेत्र में ना केवल पुल बह गए हैं बल्कि सड़कें भी टूट गई हैं. कई गांवों में भूस्खलन होने की वजह से कई घर जमींदोज होने की भी खबरें भी आ रही हैं.
मुनस्यारी, बागपानी, मलकोट और जौलजीबी में भारी तबाही. बादल फटने से 100 गांवों का संपर्क टूटा पढ़ें- भारत के लिए राफेल है 'गेमचेंजर', जानें अन्य लड़ाकू विमानों की खूबियां
बागपानी, मुनस्यारी, मदकोट, जौलजीबी-पिथौरागढ़ मोटर मार्ग में टोकडी गाड़ में सीमा सड़क संगठन की पुलिया बह गयी है. लुमती बगीचा बगड़ में भारी नुकसान की खबर है. बताया जा रहा है कि क्षेत्र के लोग अब घर खाली कर रहे हैं.
भूस्खलन होने की वजह से कई घर जमींदोज. टोकडी गाड़ में मेतली को जोड़ने वाले सभी पैदल पुल बह गये हैं. जारा जिवली से भी नुकसान की खबर आ रही है. जौलजीवी मोटर मार्ग की पुलिया बहने से राहत बचाव के लिए आ रही प्रशासन की टीम अब बिना हेलिकॉप्टर के प्रभावित क्षेत्र में नहीं पहुंच सकती है.
पुलिया बहने से लुमती से लेकर मदकोट तक 100 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से सम्पर्क कट गया है. बनबगड़ में बादल फटने से दो मकान बहने की खबर है.
लुमती बगीचा बगड़ में भारी नुकसान की खबर. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इस आपदा में किसी की जान गई है या नहीं. लेकिन आर्थिक रूप से नुकसान बहुत हुआ है.