देहरादून: उत्तराखंड शासन में बैठे सीनियर आईएएस अफसर अब जिलों में समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचेंगे. यह पहला मौका है कि जब इस तरह प्रदेश में अफसरों की जिलों में ड्यूटी लगाई जाने वाली है. इस तरह राज्य में प्रभारी सचिव की व्यवस्था खत्म करते हुए अपर मुख्य सचिव से लेकर प्रभारी सचिव तक के अधिकारियों का जिलों के लिए कैलेंडर तैयार किया जाएगा.
अब सचिवालय छोड़ जिलों में जाएंगे सीनियर IAS अफसर, राज्य में खत्म होगी प्रभारी सचिव व्यवस्था
सचिवालय में बैठे तमाम अधिकारी अब अगले 12 महीनों में हर जिले तक पहुंच कर विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे. साथ ही इसकी रिपोर्ट शासन में भी देंगे. इसके साथ ही राज्य में अब प्रभारी सचिव की व्यवस्था भी खत्म होने जा रही है.
उत्तराखंड शासन में यह पहली बार होगा जब आईएएस अफसर सचिवालय छोड़कर जिलों में दिखाई देंगे. धामी सरकार में अफसरों को पहाड़ों पर भेजने के इस प्रयास की सराहना भी की जा रही है. दरअसल, राज्य में पहली बार अपर मुख्य सचिव से लेकर प्रभारी सचिव तक के अधिकारियों का कैलेंडर तैयार हो रहा है. इसके जरिए इन अधिकारियों को अब प्रदेश के सभी जिलों में जाना होगा. इस दौरान अपने विभागों से जुड़ी तमाम समस्याओं का समाधान भी करना होगा. खास बात यह है कि इस दौरान यह अफसर जिलों में ही रात्रि प्रवास करेंगे. योजनाओं को लेकर भौगोलिक परिस्थितियों को भी आसानी से समझ सकेंगे.
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बता दें राज्य में फिलहाल प्रभारी सचिव की व्यवस्था चल रही है. जिसके तहत सभी जिलों के लिए प्रभारी सचिव नामित किए गए हैं. लेकिन अब राज्य में प्रभारी सचिव की व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है. उसकी जगह प्रभारी सचिव से लेकर अपर मुख्य सचिव तक के अधिकारियों को जिलों में भेजे जाने के लिए कैलेंडर तैयार हो रहा है. शासन की तरफ से तैयार किए जा रहे कैलेंडर के अनुसार हर जिले में सचिवों को जाना होगा. इस दौरान वे विभिन्न विभागों की बैठक भी लेंगे. इस तरह प्रदेश सचिवालय में बैठे तमाम अधिकारी अब अगले 12 महीनों में हर जिले तक पहुंच कर विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे. साथ ही इसकी रिपोर्ट शासन में भी देंगे.