देहरादून:प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद पीएचडी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स और एसडीसी फाउंडेशन की ओर से उत्तराखंड@25 नाम से एक निजी होटल में गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे विशेषज्ञों ने बताया कि आज उत्तराखंड के 50 फीसदी ग्रेजुएट युवाओं के पास रोजगार नहीं है. तो पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के लिए पलायन करने वाले 64 फीसदी लोग पूरे परिवार के साथ पलायन करते हैं इसलिए जो महिलाएं पहाड़ में विकास की धुरी होती है, वह पहाड़ के विकास की चेन से बाहर हो जाती हैं. जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों ने मॉडल उत्तराखंड बनाने को लेकर अपनी राय रखी.
गोष्ठी में शिक्षाविद् व डीआईटी यूनिवर्सिटी के चांसलर एन रविशंकर ने बताया कि प्रदेश के 250 उत्कृष्ट श्रेणी के स्कूल पूरे शिक्षा जगत में परिवर्तन ला सकते हैं . प्रदेश में 189 स्कूलों को अटल आर्दश विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है. प्रदेश में 13 जवाहर नवोदय और 13 राजीव गांधी नवोदय विद्यालय हैं. इनमें कुछ अन्य सरकारी विद्यालय शामिल कर क्वालिटी एजुकेशन देकर सरकार अच्छा सन्देश दे सकती है. तो वहीं, आईटीआई और पॉलिटेक्निक मात्र सर्टिफिकेट ही नहीं बल्कि उद्योगों की मदद से छात्रों का कौशल विकास करना चाहिए.
इसके साथ ही उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य सेक्टर में सुधार की आवश्यकता है. साथ ही संक्रमित बीमारियों को लेकर हम अलर्ट मोड पर रहते हैं लेकिन कैंसर, डायबिटीज, हाइपर टेंशन, कार्डिक अटैक जैसी बीमारियों से निपटने के लिए वर्तमान में व्यापक नीतियों की आवश्यकता है. साथ ही युवाओं को तंबाकू और अल्कोहल से दूर रखने के लिए अथक प्रयास की आवश्यकता है.