देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) ने प्रदेश की 8 परीक्षाओं को निरस्त करने की सिफारिश की, तो चयनित अभ्यर्थियों में उबाल आ गया. इस कड़ी में तमाम चयनित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री आवास कूच (Dehradun Chief Minister Housing Protest) करते हुए न केवल सरकार के खिलाफ अपने गुस्से को जाहिर किया, बल्कि परीक्षा निरस्त होने की स्थिति में कोई बड़ा कदम उठाने का भी इशारा कर दिया.
आयोग की परीक्षाएं निरस्त करने की सिफारिश पर चयनित अभ्यर्थियों में उबाल, पूछा- हमारी क्या गलती
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) द्वारा प्रदेश की 8 प्रतियोगी परीक्षाओं को निरस्त करने की सिफारिश के बाद चयनित अभ्यर्थी मुखर हैं. तमाम चयनित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री आवास कूच (Dehradun Chief Minister Housing Protest) करते हुए सरकार के खिलाफ विरोध जताया.
उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा का पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) होने के बाद से ही लगातार कई परीक्षाओं पर संदेह के बादल घिर रहे हैं. इस दिशा में आयोग के सचिव ने सरकार को उन 8 परीक्षाओं को निरस्त करने की सिफारिश की है, जिन्हें विवादित कंपनी द्वारा कराया गया था. इनमें एलटी, कनिष्ठ सहायक पुलिस रैंकर, मत्स्य निरीक्षक वाहन चालक अनुदेशक शामिल हैं. इनमें एलटी, पीए, कनिष्ठ सहायक और पुलिस रैंकर की परीक्षा का परिणाम आ चुका है.
जिसको लेकर तमाम चयनित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री आवास (Dehradun Chief Minister Residence) कूच किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि कंपनी फर्जी थी और उसने गलत काम किया है तो उसमें चयनित अभ्यर्थियों की क्या गलती है. उन्होंने कहा कि वे पिछले कई सालों से परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, ऐसे में अब यदि परीक्षाएं रद्द होती हैं तो हजारों युवा सड़कों पर दिखाई देंगे. उन्होंने कहा कि यह सरकार खुद को युवाओं की सरकार बताती है, लेकिन परीक्षाएं रद्द कर के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.