देहरादून: सेलाकुई पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग के चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास पुलिस को 27 एटीएम कार्ड, 10 पासबुक, सिम कार्ड और 9 मोबाइल समेत 18 हजार रुपए की नकदी बरामद हुई है. देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बुधवार को मामले का खुलासा किया. ये गिरोह क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर लोगों से ठगी किया करता था.
ऐसे आए पुलिस की गिरफ्त में:पुलिस के बताया कि सेलाकुई निवासी पंकज कुमार मालवीय वहीं पर एक कंपनी में काम करता है. उसने बीती चार सितंबर को सेलाकुई थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में पंकज ने बताया था कि 26 अगस्त को उसके फोन पर किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था. उसके पंकज को उसके क्रेडिट कार्ड के बारे में पूरी जानकारी दी, जिससे पंकज को उस पर भरोसा हो गया कि वह बैंक का ही कर्मचारी है.
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आप न करें ये गलती:उस व्यक्ति ने पंकज को बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ सकती है. पंकज भी लालच में आ गया और उसने ओके कर दिया है. इसके बाद पंकज को तीन बार वेरिफिकेशन कोड भेजे गये, जिसका नंबर पंकज ने फोन करने वाले व्यक्ति को बता दिया. इसके बाद पंकज के क्रेडिट कार्ड से तीन बारी में कुल 6-6 हजार रुपए साफ हो गए. इसके बाद पंकज को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है. पंकज ने थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ ऑनलाइन ठगी का मुकदमा दर्ज कराया.
पंकज की तहरीर पर पुलिस ने एक टीम गठित कर मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने उस नंबर की डिटेल निकाली जिस नंबर से उसे कॉल आया था. उस मोबाइल की लोकेशन दिल्ली में मिली.
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पैसे ट्रांसफर करने के लिए खोलते थे फर्जी अकाउंट: पुलिस की जांच में सामने आया कि ये गिरोह पहले लोगों को अपने झांसे में लेता था, इसके बाद उन्हें दो हजार रुपए देता और उनका बैंक में खाता खुलवाता था. इन्हीं खातों में ऑनलाइन ठगी का पैसा ट्रांसफर करते थे. 26 अगस्त को भी जो पैसा पंकज के क्रेडिट कार्ड के लिया गया था वो भी तीन बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था.
ऐसे पहुंची गिरोह तक पुलिस: पुलिस ने बताया कि जिन तीन अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया था, उसमें से एक पश्चिम बंगाल में है, जबकि दो अकाउंट नैनीताल बैंक सुद्दोवाला और प्रेमनगर में है. पुलिस ने देहरादून के बैंकों में जाकर खातों की जानकारी तो पता चला कि एक अकाउंट फैय्याज और दूसरा मुकेश के नाम पर है. दोनों चोई बस्ती रामपुर सहसपुर के रहने वाले हैं.
एक खाते के मिलते थे दो हजार रुपए:पुलिस ने फैय्याज और मुकेश से पूछताछ की तो पता चला कि हुसैन नाम का एक व्यक्ति क्षेत्र के लोगों को विश्वास में लेकर उनका बैंकों में खाता खुलवाता है और खाता खुलवाने पर प्रति व्यक्ति दो हजार रुपए देता है. खाता खुलवाने के बाद हुसैन उनका एटीएम, पासवर्ड और पासबुक अपने पास रखता है.
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गिरोह का मास्टर माइंड दिल्ली में था:इसके बाद पुलिस ने हुसैन के बारे में जानकारी जुटाई. हुसैन के मोबाइल नंबर से उसकी लोकेशन ट्रेस की गई. वहीं जिन लोगों के उसने खाते खुलवाए थे, उनकी जानकारी भी ली गई. हुसैन का सम्बन्ध दिल्ली निवासी अमित कुमार से निकला, जो फाइनेंस कंपनी में काम करता है.
पुलिस ने बताया कि हुसैन प्रेमनगर, सेलाकुई और सहसपुर समेत आसपास के इलाकों में लोगों के खाते खुलावाता और उन सभी खातों में अमित का मोबाइल नंबर डालता था. जिस खाते में जो भी पैसा ट्रांजेक्शन होता है, उसकी पूरी जानकारी अमित के पास आ जाती है. अमित ही दिल्ली में बैठकर लोगों से ऑनलाइन ठगी किया करता था, वो लोगों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का लालच दिया करता था, जो उसके झांसे में आ जाता था, उसे वो अपना शिकार बना लेता था. पैसों को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर देता था.
पुलिस ने बताया कि अमित दिल्ली का ही रहने वाला है. इसके बाद पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी गई. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अमित को दिल्ली से मंगलवार देर शाम गिरफ्तार किया. इसके बाद आरोपी को दिल्ली से सेलाकुई लाया गया. साथ ही खाता धारक फैयाज व मुकेश, जिनके खाते में पैसे डाले गये थे और खाता खुलवाने वाले गिरोह के हुसैन को सेलाकुई क्षेत्र से गिरफ्तार किया.
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शातिर किस्म का अपराधी है अमित: पुलिस ने बताया कि अमित शातिर किस्म का अपराधी है, जो फाइनेंस कंपनी में काम करता है. अमित इन्टरनेट बैंकिंग की अच्छी जानकारी रखता है. अमित इससे पहले भी साल 2002 में वाहन लूट के एक मामले में कोतवाली देहरादून और नवंबर साल 2020 में अपहरण के मामले में थाना द्वारका दिल्ली से भी जेल जा चुका है. फिलहाल वे जमानत पर बाहर है. पुलिस अब खातों को फ्रीज करने की तैयारी कर रही है.