मसूरी: पहाड़ियों को फिर से हरा-भरा और सुंदर बनाने के उद्देश्य से हिलदारी जन आंदोलन के तहत वर्ल्ड अर्थ-डे मनाया गया. इस दौरान पहाड़ियों पर बीज बॉल फेंककर लोगों ने जंगलों के संरक्षण का संकल्प लिया. इस दौरान लगभग 1500 बीज बॉल को मसूरी की पहाड़ियों में डाला गया.
वर्ल्ड अर्थ-डे पर पहाड़ियों पर फेंके बीज बॉल हिलदारी जन आंदोलन के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद शुक्ला ने कहा कि संस्था द्वारा मसूरी में फेंको मगर 'प्यार से' नामक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों को सड़क किनारे पहाड़ियों में कूड़ा नहीं बल्कि बीज बॉल फेंकने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीज बॉल मिट्टी के ऐसे लड्डू हैं, जिनके अंदर लोकल और लुप्त प्रजातियों के बीज हैं, जो जमीन पर गिरकर स्वतः ही उग जाते हैं.
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मसूरी में करीब 1500 बीज बॉल पहाड़ियों में फेंके गए. जिसका परिणाम आने वाले 2 सालों में देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित अर्थ-डे का उद्देश्य पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना है.
मसूरी डीएफओ कहकशा नसीम ने आंदोलन से जुड़े लोगों की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान से मसूरी को सुंदर और हराभरा बनाने में सहयोग मिलेगा. उन्होंने बताया कि पहाड़ियों में बीज बॉल फेंकने का पुराना चलन है. जब पहला वर्ल्ड वार हुआ था तो उसके बाद भी कई हरी-भरी पहाड़ियां बम गिरने से नष्ट हो गई थी. जिसके बाद उनको हराभरा करने के लिए बीज बॉल या गोरिल्ला बम फेंके गए थे, जिसमें कई प्रजाति के पेड़ों के बीच होते थे.
उन्होंने बताया कि फेंके गए बीज बॉल पानी के संपर्क में आते ही पनपने लगते हैं. डीएफओ ने बताया कि इस प्रयास से मसूरी की पहाड़ियों कुछ सालों के बाद हरी-भरी देखने को मिलेगी.