देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग में ऐसे तमाम विवाद हैं, जो आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रदेश को आगे बढ़ने से रोकते रहे हैं. खास तौर पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में समय समय पर आने वाले विवादों ने प्रदेश में आयुर्वेद की छवि खराब की है. इन्हीं तमाम परिस्थितियों के बीच आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे की अध्यक्षता में आयुष सेक्टर को बेहतर करने की दिशा में चिंतन किया गया.
उत्तराखंड को आयुष प्रदेश के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से आयुष विभाग के द्वारा कवायद की जा रही है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयुष सचिव डॉ पंकज पांडे की अध्यक्षता में उत्तराखंड के आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं के साथ बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे.
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बैठक की समाप्ति के बाद आयुष सचिव डॉ पंकज पांडे ने बताया कि उत्तराखंड को पूर्णतः आयुष प्रदेश बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार आयुष विभाग काम कर रहा है. लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से ही इस बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड के आयुष औषधि निर्माताओं को आमंत्रित किया गया था. सभी से इस दिशा में सफलता हासिल करने के लिए सुझाव व समस्याओं की जानकारी साझा की.
इस बैठक में दवा निर्माताओं के द्वारा तमाम सुझाव भी दिए गए. साथ ही विभाग के द्वारा व शासन स्तर से आ रही दिक्कतों के बारे में भी अवगत कराया गया. कुछ विभागीय कारणों के बारे में जानकारी दी गई व कुछ शासन स्तर से आ रही तकनीकी अड़चनों के बारे में बताया गया है, जिसको जल्द दूर करने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही रा मटेरियल की उपलब्धता के सम्बन्ध में उद्यान विभाग की ओर से आ रही समस्याओं को भी आपसी सामंजस्य स्थापित कर दूर किया जाएगा. प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास रहेगा. ताकि हम उत्तराखंड को पूर्णतः आयुष प्रदेश बनाने में सफलता हासिल कर सकें.