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उत्तराखंड सचिवालय कर्मचारियों का आंदोलन हुआ तेज, शासनादेश का भी नहीं पड़ा फर्क

नो वर्क, नो पे का शासनादेश जारी होने के बावजूद सचिवालय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जल्द से जल्द विचार किए जाने और इस पर आदेश किए जाने की मांग उठाई.

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सचिवालय कर्मचारियों का आंदोलन

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Published : Dec 8, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 8:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में सचिवालय कर्मचारियों ने शासनादेश के बावजूद अपना आंदोलन शुरू कर दिया है. कर्मचारियों ने सचिवालय के सामने धरना देकर अपनी मांगों को लेकर जल्द से जल्द विचार किए जाने और इस पर आदेश किए जाने की मांग उठाई.

उत्तराखंड सचिवालय कर्मचारियों ने आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. कर्मचारी सचिवालय गेट के सामने बैठकर अपनी मांगों को जल्द पूरा किए जाने की मांग कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले भी सचिवालय कर्मचारी सरकार और शासन से अपनी मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग करते रहे हैं, लेकिन इस मामले पर कोई कार्रवाई न होता देख, अब कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को तेज कर दिया है.

सचिवालय कर्मचारियों का आंदोलन

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे. हरीश रावत ने भी सरकार के नो वर्क, नो पे के आदेश का विरोध किया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग को लेकर वह गैरसैंण में उपवास करने जा रहे हैं. यदि जरूरत पड़ी तो वह देहरादून में गांधी की मूर्ति के नीचे भी उपवास करने के लिए तैयार हैं.

बता दें कि सचिवालय कर्मचारियों ने मंगलवार से हड़ताल का फैसला किया था. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से भी कर्मचारी संगठनों ने मुलाकात की कोशिश की, लेकिन कर्मचारियों की मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई. इसके बाद मुख्य सचिव ने हड़ताल को रोकने के लिए नो वर्क, नो पे का आदेश भी जारी किया, लेकिन इसका असर नहीं हुआ है. उधर हड़ताली कर्मचारियों को सचिवालय से बाहर रखने की भी कोशिश किए जाने के आरोप लगाये जा रहे हैं.

Last Updated : Dec 8, 2021, 8:11 PM IST

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