देहरादून: कोविड-19 महामारी से बचने के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन ने सामान्य जीवन पर गहरा असर डाला है. लोगों के रहन-सहन से लेकर व्यापार, राजनीति और अर्थव्यवस्थाओं के संचालन के तौर तरीकों पर भी बड़ा असर पड़ा है. लेकिन कुछ सेक्टर्स भी हैं, जिनको एकदम से बूस्ट मिला है. ऐसा ही एक मार्केट सेकंड हैंड कारों का है.
मौजूदा समय में कोविड-19 के चलते सोशल डिस्टेंसिंग ही रामबाण है. इसी को देखते हुए आज लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का कम इस्तेमाल कर रहे हैं और जो कर भी रहे हैं, वो कई गुना बढ़े किराये से परेशान हैं. दरअसल, लॉकडाउन के बाद घाटे को पूरा करने के लिये पब्लिक ट्रांसपोर्ट का किराया भी कई गुना बढ़ा दिया गया है. ऐसी स्थिति में जहां सावधानी ही बचाव है, वहां अब आम जनता आवाजाही के लिये अपने बजट में ही खुद का साधन ढूंढ रही है. ऐसे में सेकेंड हैंड वाहन एकाएक लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम राजधानी देहरादून में यूज्ड कार के कारोबार को जानने की कोशिश की और ग्राउंड पर जाकर देखा कि किस तरह से यूज्ड कार का बाजार को बढ़ावा मिला है.
सेकेंड हैंड गाड़ियों की बढ़ी डिमांड
उत्तराखंड में सेकेंड हैंड कार खरीदने और बेचने को लेकर देवभूमि कार डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने बताया कि जैसे ही देहरादून शहर में लॉकडाउन हुआ, लोगों में दहशत थी और भविष्य की एक चिंता थी. लेकिन कुछ समय बाद जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो उसके बाद उम्मीद के विपरीत लोगों में छोटी गाड़ियों के प्रति ज्यादा रुझान ज्यादा देखने को मिला.
नितिन अग्रवाल बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया में शुरू में लग रहा था कि व्यापार अब बमुश्किल चल पाएगा, लेकिन मार्केट में यह देखा गया कि छोटी गाड़ी और कम बजट की गाड़ी के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है और सेकेंड हैंड कार लोगों की पहली पसंद बन रही है. लोग दोपहिया वाहन से बेहतर कम बजट की सेकंड हैंड फोर व्हीलर को प्राथमिकता देने लगे और इसके चलते छोटे कम बजट की गाड़ियों के व्यापार में थोड़ा उछाल देखने को मिला है. हालांकि, ज्यादा बजट की सेकंड हैंड गाड़ियों की बिक्री न के बराबर ही है.
ये भी पढ़ें:रिटायरमेंट से पहले ETV BHARAT से बोले मुख्य सचिव, उत्तराखंड का हर प्रोजेक्ट उनके दिल के करीब
यूज्ड कार के हैं ये फायदे
कोविड-19 के इस दौर में जहां आपको संक्रमण से बचना है. वहीं, आर्थिक गतिविधियों के चलते तमाम इंश्योरेंस कंपनियों ने बाजारों से अपने हाथ खींच लिए हैं. ऐसे में कम बजट में और सुरक्षा के मद्देनजर सेकेंड हैंड कार एक मुफीद विकल्प बना है. यूज्ड कार मार्केट में उसी कीमत पर आप एक कैटेगरी ऊपर का वाहन खरीद सकते हैं.
कार डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल बताते हैं कि इस वक्त सभी इंश्योरेंस कंपनियों ने अपनी इंश्योरेंस स्कीम बंद की हुई है, जिसके चलते नई कार खरीदना एक तो मुश्किल हो गया है और ऊपर से नई कार खरीदने के लिए एक मोटी रकम आपके जेब में होनी चाहिए जो कि आर्थिक मंदी के इस दौर में बेहद मुश्किल है.
देहरादून यूज्ड कार के लिए सबसे मुफीद
देहरादून शहर में काम करने वाले यूज्ड कार डीलरों का कहना है कि दून में सेकेंड हैंड कार खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके सहारनपुर और बिजनौर से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड के समस्त पहाड़ी क्षेत्रों से भी लोग यहीं आते हैं. ऐसे में देहरादून में सेकंड हैंड कार बाजार का एक अच्छा मार्केट डेवलप हो रहा है. पिछले 25 सालों से सेकेंड हैंड कार व्यापार में काम कर रहे नीरज ढींगरा बताते हैं कि देहरादून में ज्यादातर डीलर रजिस्टर्ड है और सभी जीएसटी करदाता हैं. यहां पर माहौल उत्तर प्रदेश और अन्य शहरों के मुकाबले बिल्कुल साफ सुथरा है.
ऐसे रखा जा रहा सेफ्टी का ख्याल